होशंगाबाद। नरवाई जलाने से रोकधाम हेतु कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में हुई कार्यशाला में कलेक्टर धनंजय सिंह ने कहाकि नरवाई जलाने से पर्यावरण पारिस्थितिक तंत्र एवं हमारे खेतों की मृदा की उर्वरा शक्ति का हृास होता है। कलेक्टर श्री सिंह ने उपस्थित किसानों से नरवाई न जलाने एवं न जलाने देंगे की किसानों से अपील की।
उन्होंने कहा कि नरवाई जलाने से रोकधाम हेतु वन विभाग, कृषि विभाग एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कार्यशाला में आये सुझावों के आधार पर एमपीईवी को बिजली के तारों, खंभों की मरम्मत करने के निर्देश दिये। एसडीएम होशंगाबाद आदित्य रिछारिया ने हार्वेस्टर संचालकों को हार्वेस्टर में स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम अथवा भूसा मशीन के प्रयोग की अनिवार्यता सुनिश्चित करने एवं हार्वेस्टर में अग्निश्यमक यंत्र के प्रयोग करने की बात कही। कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल, कपिल फौजदार, राजेश तिवारी, किसान कांग्रेस राष्ट्रीय संयोजक कुलदीप सिंह, विजयबाबू चौधरी, जनपद अध्यक्ष श्रीमती संगीता सोलंकी, लीलाधर सिंह राजपूत, चन्द्रगोपाल मलैया, संतोष पटवारे, सुनील चौहान, एसडीओपी मोहन सारवान सहित हार्वेस्टर संचालक किसान उपस्थित रहे।
उपसंचालक कृषि जितेन्द्र सिंह ने कार्यशाला में बताया कि नरवाई के समुचित प्रबंधन हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान दिल्ली द्वारा पूसा डिकम्पोसर का प्रयोग करें जिससे नरवाई जलेगी नहीं बल्कि गलेगी। उन्होंने कहा कि नरवाईयुक्त खेत में फसल बोने हेतु हैप्पी सीडर से सीधे बुबाई करें अथवा रोटावेटर चलाकर समान सीड ड्रील में बुआई कर सकते हंै। कार्यशाला में उपस्थित लोगों ने पंचायत स्तर पर पानी के टेंकरों की मरम्मत एवं उनकी उपलब्धता, पर्याप्त फायर ब्रिगेड एवं डायल 100 की व्यवस्था, बिजली के तारों की मरम्मत आदि सुझाव दिये।