निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ एनएसयूआई मैदान में

Post by: Manju Thakur

कलेक्टर को ज्ञापन के साथ सौंपी सूची
इटारसी। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने निजी स्कूलों में कथित मनमानी के विरोध में आज होशंगाबाद जाकर कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन प्रभारी कलेक्टर को सौंपा। संगठन के छात्र नेताओं का मानना है कि विगत कुछ वर्षों से निजी स्कूलों द्वारा मनमाना एवं हिटलरशाही रवैया अपनाते हुए छात्रों और अभिभावकों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। संगठन ने याद दिलाया कि करीब एक सप्ताह पूर्व एसडीएम इटारसी को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार इटारसी को सौंपा था।
शाम को यहां होटल मेघदूत के सभागार में मीडिया से चर्चा में एनएसयूआई नेताओं ने कहा कि निजी स्कूलों की कोई फीस तय सीमा में नहीं है। हर निजी स्कूल की फीस अत्यधिक और अलग निर्धारित है, फीस में एकरूपता होनी चाहिए। निजी स्कूल में गरीबों का बच्चा शिक्षा से वंचित रह जाता है, ये स्कूल पूंजीपतियों के लिए रह गए। स्कूल संचालक स्टेशनरी संचालकों के साथ मिलकर परिजनों पर एक निर्धारित दुकान और प्रकाशकों की किताबें महंगे दामों पर लेने को मजबूर करते हैं। इसी तरह यूनिफार्म भी दुकान विशेष पर मिलती है। यहां एनसीईआरटी या मप्र पाठ्य पुस्तक निगम की पुस्तकों के पाठ्यक्रम लागू कराएं।
शासन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू किया है लेकिन ये स्कूल इसका खुला उल्लंघन कर रहे हैं। इस कानून के तहत छात्र को मुफ़्त एवं अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराना है परंतु स्कूल फीस, पुस्तक, यूनिफार्म सहित अवैध वसूली करते हैं। नगर के अधिकतर निजी स्कूल शहरों में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की पढ़ाई करने वालें छात्रों को डमी एडमिशन देकर लंबी रकम वसूल रहे साथ ही फर्जी मार्कसीट बनाकर दे रहे हैं। इससे नियमित छात्र ठगा महसूस कर रहे हैं। इस व्यवस्था पर कड़ी पाबंदी लगाई जाए। एनएसयूआई ने ज्ञापन के साथ शहर के स्कूलों की शुल्क और पुस्तकों की सूची भी संलग्न की है।

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