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पत्रकारों के लिये स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा की राशि बढ़कर 4 लाख हुई

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भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश में पत्रकारों के लिये स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना में कैशलेस ईलाज की राशि की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रूपये करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही पत्रकार की मृत्यु होने पर परिवार को मिलने वाली दुर्घटना बीमा सहायता राशि 10 लाख रूपये की गई।

मंत्रि-परिषद ने पत्रकारों की चिकित्सा सहायता योजना के नियमों में माता-पिता को शामिल करने का निर्णय लिया। मध्यप्रदेश संचार प्रतिनिधि कल्याण सहायता नियम 2005 में पारिवारिक परिभाषा में आश्रित माता-पिता, जो शासकीय कर्मचारी नहीं हों और जिनकी पेंशन सहित सभी स्त्रोतों से वार्षिक आय एक लाख रूपये से अधिक नहीं हो, का नाम शामिल करने का निर्णय लिया है।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सूचना केन्द्र, मुबंई के सेवानिवृत्त स्टेनो टायपिस्ट की संविदा नियुक्ति में एक वर्ष अथवा अन्य व्यवस्था होने तक, जो पहले हो, वृद्धि करने का निर्णय लिया।

सात नई तहसील सृजन की मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने तहसील देवरी जिला रायसेन, तहसील खुजनेर जिला राजगढ़, तहसील सुठालिया जिला राजगढ़, तहसील रन्नौद जिला शिवपुरी, तहसील झार्डा जिला उज्जैन, तहसील बहादुरपुर जिला अशोकनगर और तहसील पीथमपुर जिला धार का सृजन करने का निर्णय लिया है। सृजित की गई प्रत्येक नई तहसील के लिये आवश्यक पदों के सृजन की मंजूरी भी दी गई है।

मंत्रि-परिषद ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की अधोसंरचना विकास योजना को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर रखने के लिये नीतिगत/सैद्धांतिक सहमति दी। साथ ही, मध्यप्रदेश में सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट को एक जुलाई 2016 से गो-लाईफ मान्य करने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने संचालित कृषि यंत्रीकरण की प्रोत्साहन योजना का वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर संचालन तथा वित्तीय आकार कुल राज्याशं राशि 168 करोड़ 50 लाख रूपये का अनुमोदन किया। प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये संचालित नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर अन्तर्गत परम्परागत खेती विकास योजना वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिये केन्द्रांश राशि 156 करोड़ 25 लाख 80 हजार तथा राज्यांश राशि 104 करोड़ 17 लाख 20 हजार कुल राशि 260 करोड़ 43 लाख रूपये की वित्तीय सीमा अन्तर्गत निरंतरता का मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया। साथ ही, गहन पशु विकास परियोजना को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर रखने की मंजूरी दी।

मंत्रि-परिषद ने संसदीय कार्य विभाग की स्थापना में स्वीकृत 12 अस्थाई पदों को 31 मार्च 2019 तक निरंतर रखने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये 3 करोड़ 36 लाख 15 हजार रूपये की राशि के पूंजीगत निवेश तथा 35 नये पदों के सृजन की मंजूरी दी। किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा भोपाल में विकसित होने से मेडिसिन एवं सर्जरी विभाग में पीजी एवं डीएम/एमसीएच के अतिरिक्त पाठयक्रम भी शुरू हो सकेंगे। इससे प्रदेश में उच्च विशेषज्ञता वाले चिकित्सा विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे।

मंत्रि-परिषद ने राज्य प्रशासनिक सेवा के बेहतर संवर्ग प्रबंधन एवं अधिकारियों की समयबद्ध क्रमोन्नति सुनिश्चित करने के लिये वरिष्ठ प्रवर श्रेणी/प्रवर श्रेणी और वरिष्ठ श्रेणी में वर्तमान में निर्धारित सेवा अवधि में वर्ष 2018 के लिये एक वर्ष की छूट प्रदान करने का निर्णय लिया। प्रदेश के 51 जिलों के लिये राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान में 56 पद और प्रवर श्रेणी वेतनमान में 8 पदों के सृजन की मंजूरी भी दी।

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के तहत जिला सागर में उदयानिकी महाविद्यालय, रहली और कृषि महाविद्यालय, खुरई की स्थापना का निर्णय लिया। दोनों महाविद्यालय शैक्षिणक सत्र 2018-19 से प्रारंभ कर छात्रों को प्रवेश देने का भी निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में अरहर की फसल पर उत्पादकों को कम दर प्राप्त होने से किसानों को हो रही हानि के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा बाजार हस्तक्षेप करते हुए दिनांक 10 जून से 30 जून 2017 तक 5050 रूपये बोनस सहित समर्थन मूल्य पर अरहर उपार्जन तथा विक्रय प्रक्रिया को अनुमति प्रदान की।

प्याज के भण्डारण शुल्क पर व्यय की गई राशि तत्समय अनुमोदित की गई दर 676 रूपये प्रति मी. टन प्रति माह के मान से वास्तविक गणना करते हुए भुगतान की कार्यवाही करने की मंजूरी भी दी गई। जिन जिलों में प्याज की छँटनी के बावजूद 75 प्रतिशत अथवा अधिक मात्रा में प्याज सड़ी/नष्ट हुई है, उन जिलों में छँटनी व्यय शून्य मानते हुए शेष सभी जिलों में तत्समय अनुमोदित छँटाई 20 रूपये प्रति क्विंटल की दर से माह में तीन बार छँटाई करने पर 60 रूपये प्रति क्विंटल प्रतिमाह के मान से किये गये वास्तविक व्यय की राशि का भुगतान करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत जन-निजी भागीदारी द्वारा क्रियान्वित की जा रही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्य योजनाओं के लिये नियत बिडिंग पैरामीटर व्ही.जी.एफ के स्थान पर टिंपिग फीस रखने के संशोधन की मंजूरी दी। साथ ही, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की शेष अवधि के लिये 1714 करोड़ 64 लाख की राशि की योजना निरंतरता के लिये स्वीकृति दी गई।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 में संशोधन की मंजूरी दी। संशोधन अनुसार अब अनुसंधान विकास एवं शोध कार्य में किए जाने वाले निवेश को भी नीति का लाभ दिया जायेगा। इसके साथ ही, जीएसटी के लागू होने की स्थिति में और वेट के समाप्त होने पर पूँजीगत अनुदान की सीमा बढ़ाने का प्रावधान किया गया। नीति के अनुरूप अब सभी लाभ संबंधित निवेशकों को प्रदाय किये जायेंगे। प्रावधानों के अनुसार सहायता स्वीकृति/ वितरण की प्रक्रिया संबंधी किसी प्रपत्र एवं फार्म में संशोधन के लिये मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम को अधिकृत किया गया है। भविष्य में प्रोत्साहन योजना में किसी प्रकार के संशोधन/परिर्वतन के लिये मध्यप्रदेश शासन की साधिकार समिति को अधिकृत किया गया।

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