जलस्तर घटने से 213 में से 90 नलकूप हो चुके हैं बंद
इटारसी। शहर के अधिकांश हिस्सों में पेयजल संकट है और नगर पालिका के अधिकारी केवल जलस्तर नीचे जाने का कहकर अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहे हैं। पीने के पानी के लिए आए दिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विवाद हो रहे हैं तो कुछ मामले थाने भी पहुंच रहे हैं। हालांकि थाने से समझाईश देकर वापस किया जा रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व ही पुरानी इटारसी में पानी को लेकर दो गुटों में संघर्ष हो गया तो बड़ी संख्या में महिलाएं रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंच गयी थीं। हालांकि उनको समझा बुझाकर वापस कर दिया था।
सोमवार को गांधीनगर में पेयजल के लिए विवाद की स्थिति बन रही थी। हालांकि छिटपुट विवाद हुआ और संघर्ष की स्थिति नहीं बनी। लेकिन पानी के लिए यहां काफी मारामारी हो रही है। बताते हैं कि यहां विगत दो माह से पानी की किल्लत बनी हुई है। नगर पालिका ने टैंकरों की व्यवस्था की है और जब टैंकर पहुंचते हैं तो पहले पानी लेने की होड़ में विवाद भी हो जाते हैं।
टंकी नहीं हो रही लोड
शासकीय गांधीनगर स्कूल परिसर में स्थित नगर पालिका की पेयजल टंकी बोरवेल से लोड नहीं होने के कारण बजरंगपुरा और गांधीनगर क्षेत्र में पानी का संकट उत्पन्न हो गया है। नगर पालिका अब यहां टैंकरों से पेयजल प्रदाय कर रही है। नगर पालिका का पेयजल टैंकर वार्ड 27 में गांधीनगर स्कूल के पास पहुंचा तो यहां पहले पानी लेने की होड़ लग गयी। टैंकर आते ही पानी के लिए लोग टूट पड़े। कोई टैंकर पर चढ़ा तो कोई पाइप से पानी लेने में जुट गया। यहां हालात इतने खराब हैं कि लोगों ने टैंकर के भीतर बर्तन डालकर पानी भरना शुरु कर दिया था। पानी की जरूरत पूरी करने के लिए लोगों में झगड़े भी हुए। पानी की मारामारी इतनी रही कि एक टैंकर महज दस मिनट में खाली हो जाता है। यहां से थोड़ा आगे शंकर मंदिर के पास भी यही आलम है। उल्लेखनीय है कि यहीं पर नगर पालिका ने पानी की टंकी बनायी है जिसे भरने के लिए एक ट्यूबवेल तो टंकी के नीचे ही है और दूसरा नूर हक पब्लिक स्कूल के पास। लेकिन नगर पालिका के इन दोनों नलकूपों का जल स्तर गिर जाने से वह टंकी नहीं भर पा रहे हैं। अत: इस प्रकार टैंकर से पेयजल व्यवस्था करनी पड़ रही है।
ट्यूबवेल वाले क्षेत्रों में संकट
नगर पालिका शहर में इन दिनों तीन तरीके से पानी की सप्लाई कर रही है। वर्षों से नगर पालिका यहां से करीब छह किलोमीटर दूर ग्राम धौंखेड़ा स्थित पंपों से पेयजल की सप्लाई करती आ रही है। बढ़ती आबादी के साथ जब धौंखेड़ा का जलस्रोत शहर की मांग के अनुसार पेयजल नहीं दे पा रहे थे तो वार्डों में नलकूप खनन करके पेयजल की आपूर्ति की जाने लगी थी। शहर में नगर पालिका ने करीब 213 नलकूपों का खनन कराया है और उनके माध्यम से पेयजल की सप्लाई हो रही थी। लेकिन, गर्मियों में इन नलकूपों का भी दम टूट जाता है। नगर पालिका के जल विभाग के अनुसार 213 में से करीब 90 नलकूप ऐसे हैं जो जलस्तर नीचे जाने के कारण बंद हो चुके हैं। नगर पालिका इस स्थिति से निबटने के लिए शहर में बीस टैंकरों के माध्यम से शहर के जलसंकट वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचा रही है। ये टैंकर इन वार्डों में कई-कई फेरे लगा रहे हैं, फिर भी पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। नगर पालिका ने पेयजल सप्लाई में दो फायर टैंकर भी लगा दिये हैं। बावजूद इसके पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। नगर पालिका फिलहाल बारिश का इंतजार कर रही है ताकि जलस्तर बढ़े और उसके नलकूपों में पानी आए ताकि जलसंकट का समाधान किया जा सके।
इनका कहना है…!
कुछ क्षेत्रों में पानी का संकट है, जहां नलकूप हैं। ऐसे क्षेत्रों में पानी की सप्लाई टैंकरों के माध्यम से की जा रही है। गांधीनगर में नलकूप में पानी नहीं होने से टंकी लोड नहीं हो पा रही है। वहां भी टैंकर भेजे जा रहे हैं।
आदित्य पांडेय, सब इंजीनियर एवं जल शाखा प्रभारी