इटारसी। भारत सरकार द्वारा 3 से 6 वर्ष के बच्चों में प्रारंभिक बाल्यावस्था उद्दीपन एवं तीन से 6 वर्ष के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा को मजबूत हेतु पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास केसला की ओर से किया गया। यह सक्षम आंगनबाड़ी एवं मिशन पोषण 2.0 के तहत एक कार्यक्रम है। इसके अंतर्गत क्षमता संवर्धन के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में ईसीसीई पाठ्यक्रम और शैक्षणिक दृष्टिकोण की बुनियादी समझ विकसित करने के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विकास आयामी शारीरिक, मानसिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक, भावनात्मक, नैतिक, संस्कृत, कलात्मक और बुनियादी साक्षरता के मूल्यांकन में क्षमता वृद्धि कर सक्षम बनाना है।
भारत सरकार मंत्रालय द्वारा उसे 6 वर्ष के बच्चों को ईसीसी हेतु नेशनल आधारशिला एवं 0 से 3 वर्ष के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था उद्दीपन के लिए नेशनल फॉर्मवर्क तैयार किए हैं। पोषण भी पढ़ाई भी के अंतर्गत आधारशिला एवं नव चेतना को आंगनबाड़ी केद्रो में क्रियान्वित करने के संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। परियोजना अधिकारी ने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण के अंतर्गत दो बैच बनाए थे जिसमें 140 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मास्टर ट्रेनर में सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती मंजू लता लवानिया, सुश्री चेतना ढिवरे, सुश्री वंदना देवहरे, श्रीमती रेखा तिवारी, सुषमा काजले, कंचन सदेले ने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया, साथ ही बच्चों की दिव्यांगता को समय रहते पहचानना, उसे रैफर करना, उसका आईडी कार्ड बनाना एवं किसी भी बच्चों में मानसिक अथवा शारीरिक विकलांगता का शीघ्र पता करना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद पंचायत केसला के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सतीश चंद्र अग्रवाल एवं तहसीलदार शंकर सिंह रघुवंशी ने अवलोकन किया एवं कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन दिया।