---Advertisement---
City Center
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

प्रज्ञान के सभागार में बही काव्य की सरिता

By
On:
Follow Us

राष्ट्रीय कवि संगम का आयोजन
इटारसी। सूखा सरोवर स्थित प्रज्ञान स्कूल में सुमित्रानंदन पंत की जयंती पर साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में कवयित्री स्वर्णा छेनिया ने एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। अध्यक्षता मानसरोवर के सम्पादक विनोद कुशवाहा ने की। गोष्ठी का शुभारंभ तहसील शाखा अध्यक्ष ममता वाजपेयी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया। इस अवसर पर श्री कुशवाह, प्रज्ञान स्कूल के संचालक दर्शन तिवारी एवं सुमधुर गायक स्वप्निल छेनिया ने सरस्वती पूजन किया।
काव्य गोष्ठी की शुरुआत अविनेश चंद्रवंशी ने मां सरस्वती की वंदना से की। तत्पश्चात विनय चौरे ने एक गीत प्रस्तुत किया गुलाब भूमरकर ने पिछले दिनों इटारसी स्टेशन पर हुए अग्निकांड पर एक समसामयिक रचना। कवि अनुराग दुबे ने भी रचना सुनाई।
वरिष्ठ साहित्यकार एसआर धोटे ने गणेश वंदना के माध्यम से पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण के प्रति चिंता जतायी। सृजनात्मकता के पर्याय बन चुके श्याम अजनेरिया की गजलों में भी व्यंग्य का पुट नजऱ आया। नोट बंदी और जीएसटी पर उनके तीखे व्यंग्यों ने गोष्ठी का रुख ही मोड़ दिया। होशंगाबाद से आए प्रमोद रघुवंशी ने मां पर केंद्रित एक मार्मिक रचना पढ़ी। हास्य व्यंग्य के कवि तरुण तिवारी के तेवर उनकी रचना में भी परिलक्षित हुए। ब्रजमोहन सिंह ठाकुर सत्यकवि की विरासत को निरंतर आगे बढ़ा रहे माखननगर बाबई के ओजस्वी कवि हिमांशु सिंह हार्दिक ने सत्यकवि के गीत से उनका पुण्य स्मरण किया। युवा कवि आलोक शुक्ल अनूप ने एक बार फिर अपनी गज़लों से सबका ध्यान आकर्षित किया। कवि मदन बड़कुर तन्हाई ने भी अपनी गजलों से समां बांध दिया। उनकी बहुचर्चित गज़ल दुश्मनी छोड़ चलो फिर से, को श्रोताओं से सराहना मिली।
कार्यक्रम आयोजक स्वर्णा छेनिया की नई कविता ने गोष्ठी को गरिमा प्रदान की। देश के मुशायरों में इटारसी का नाम रोशन करने वाली जानी पहचानी शख्सियत ममता वाजपेयी ने अपने ही अंदाज में एक गजल तरन्नुम में पेश की। गोष्ठी का संचालन कर रहे प्रख्यात गजलकार सतीश शमी अपनी आवाज का जादू जगाने में फिर कामयाब रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नर्मदांचल की माटी से जुड़े लेखक एवं कथाकार विनोद कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में युवा साहित्यकारों के लिए एक कार्यशाला आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कविता पोस्टर प्रदर्शनी के महत्व से भी अवगत कराया। श्रोताओं के अनुरोध पर श्री कुशवाहा ने अपनी प्रतिनिधि कविता चांद और रोटी सुनाई तब सभी की आंखें नम हो उठीं। राष्ट्रीय कवि संगम जिलाध्यक्ष सुनील वाजपेयी ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर परिवर्तन संस्था के संयोजक अखिलेश दुबे सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement
error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.