इटारसी। युग विज्ञान का है, और विज्ञान ने मानव जीवन के लिए कई चमत्कारिक परिणाम दिए हैं। बावजूद इसके झाड़-फूंक, टोना-टोटका जैसी मानसिकता से अभी मनुष्य को मुक्ति नहीं मिली है। ऐसी सोच का खात्मा करके लोगों को विज्ञान के प्रति जागरुक करने इन दिनों बैंगलोर के वैज्ञानिक डॉ. नरेन्द्र नायक इटारसी में हैं। वे स्कूलों में जाकर बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरुक कर रहे हैं और उनकी जिज्ञासा का समाधान भी कर रहे हैं। आईटीवी न्यूज के लिए उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया कि जिनके माइंड सेट हैं, उनके बदलना मुश्किल है, लेकिन हम नयी पीढ़ी को लक्ष्य बनाकर चल रहे हैं, आगे जाकर यही पीढ़ी उनकी आने वाली पीढ़ी को जागरुक करेगी।
डॉ. नायक से जब सवाल किया कि डॉक्टर, नेता और अधिकारी उच्च शिक्षित होते हैं, लेकिन वे भी मुहूर्त निकलवाकर काम करने के आदी हैं, ऐसी चुनौतियों के लिए उनके पास क्या समाधान है। डॉ. नायक का जवाब था कि उन्होंने इस वर्ग को भी जागरुक करने का प्रयास किया है, लेकिन वे इसे पर्सनल मामला बताते हैं। मगर इमरजेंसी होगी तो डॉक्टर आपरेशन के लिए मुहूर्त देखने का इंतजार नहीं करेगा।
डॉ. नरेन्द्र नायक का कहना है कि उनके इस अभियान को प्रशासनिक और राजनीतिक सपोर्ट की जरूरत है, प्रयास भी किए लेकिन सहयोग मिलेगा, इसमें शंका है। वे एक्टिविस्ट भी तैयार कर रहे हैं, ताकि उनका यह अभियान जारी रहे। वैज्ञानिक डॉ. नायक का कहना है कि उनको इस अभियान के दौरान कई बार धमकियां भी मिली हैं और हमले भी हुए हैं। लेकिन वे विचलित होने वाले नहीं हैं। हालांकि मप्र में उनको सहयोग मिला है और लोग यहां उनकी बात को सुनते भी हैं।
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बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरुक कर रहे डॉ. नरेन्द्र नायक
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