इटारसी। संपूर्ण होशंगाबाद जिले में जनता कर्फ्यू का खासा असर देखने को मिला है। हालांकि सुबह 7 बजे से तो नहीं, 9 बजे के बाद सभी बाजार, मुख्य सड़कें सूनी होना शुरु हो गयी थीं। अलबत्ता मोहल्लों में दोपहर 12 के आसपास सूनापन हुआ। इससे पहले लोगों ने जल्दी-जल्दी अपने काम निबटाये। दोपहर से शाम तक हालात देखकर लगा कि लोगों ने जनता कर्फ्यू को अपना पूरा समर्थन दिया है। व्यापारियों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखे, सब्जी बाजार भी बंद रहा। सब तरफ सन्नाटा पसरा रहा। बाजार में भी इक्का-दुक्का लोग नजर आये, वे भी अत्यंत आवश्यक होने पर आये थे। कुछ युवाओं ने बाइक से शहर में घूमकर कर्फ्यू पर्यटन का लाभ लेने का प्रयास किया तो पुलिस ने उनको डांट-डपटकर उनके घरों में भेजा।
यदि यह कहा जाये कि होशंगाबाद जिले में जनता कर्फ्यू को खासा समर्थन मिला है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्या शहर और क्या गांव। सभी जगह बाजार पूरी तरह से बंद रहे और कुछ को छोड़कर लोग घरों से नहीं निकले। होशंगाबाद, इटारसी, पिपरिया, सोहागपुर, बनखेड़ी, सिवनी मालवा, डोलरिया, रामपुर, केसला, सुखतवा आदि में बाजार पूरी तरह से बंद रहे। अन्य शहरों और गांवों में कमोवेश हालात इससे इतर नहीं रहे। सड़कों पर वाहन बंद, ट्रेनें 31 मार्च तक रेलवे ने बंद कर दी। लोगों ने स्वयं को घरों में कैद करके रख लिया है।
बाजार में पसरा रहा सन्नाटा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर जानलेवा कोरोना वायरस से निबटने की गई जनता कर्फ्यू की अपील का बाजार और मुख्य मार्गों पर व्यापक असर देखा जा रहा है। हालांकि इस दौरान मोहल्लों में दुकानें भी खुली हैं और लोग आमदिन की तरह ही सड़कों पर घूम रहे और दुकानों पर खड़े होकर समय गुजार रहे हैं। जनता कर्फ्यू के दौरान संपूर्ण बाजार बंद है। हालात यह है कि इस दौरान होशंगाबाद के पास एक गांव जाने के लिए बस स्टैंड आया एक परिवार अपने बच्चों को न तो पानी पिला सका और ना ही उनको खाने के लिए कहीं एक बिस्कुट भी मिला। संपूर्ण बाजार बंद है। महात्मा गांधी रोड पर सन्नाटा पसरा है। नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है। पटरियों पर ट्रेनों का शोर नहीं है। रेलवे स्टेशन पर भी लगभग सन्नाटा है। ओवरब्रिज सूना है, इससे रेलवे स्टेशन आने वाली सड़क सूनी पड़ी है। मुख्य जयस्तंभ चौक के आसपास जहां सुबह से सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी रहती थी, जनता कर्फ्यू के कारण सुनसान है। बाजार और मुख्य मार्गों को देखकर तो यही लग रहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता देश की सरकार के साथ है। लेकिन, मोहल्लों में थोड़ी सख्ती बरतने की जरूरत पड़ी। कुछेक दुकानें खुली थीं और सड़कों पर वाहन चालक फर्राटे लगा रहे थे। एडिशनल एसपी घनश्याम मालवीय को जब यह बात पता चली तो उन्होंने तत्काल पुलिस कर्मियों को शहर का दौरा कर सब बंद कराने को कहा। इसके बाद मोहल्लों में भी दुकानें बंद करा दी गई।
कर्फ्यू में फंसे परिवार को मदद की
कर्फ्यू के दौरान मानवता भी देखने को मिली। दरअसल जनता कफ्र्यू के दौरान सब कुछ बंद था। ऐसे में समाजसेवी नरेंद्र दमाड़े सुबह आवश्यक कार्य से बस स्टैंड पहुंचे थे। यहां एक परिवार को प्रतीक्षालय में देखा। उनके बच्चे भूख से बिलख रहे थे। उनके पास पैसे तो थे लेकिन भूख मिटाने के लिए कुछ नहीं था। उन्होंने नरेंद्र दमाड़े को आपबीती सुनाते हुए मदद मांगी। नरेंद्र ने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी किया। भोजन के लिए गुरुद्वारा जाने का सुझाव भी दिया। इस बीच वायरल वीडियो को देख 100 डायल में तैनात आरक्षक गुलशन सोनी, कुछ पत्रकार और कुछ अन्य लोग मौके पर पहुंचे। गुलशन ने अपने उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन के बाद युवा नरेंद दमाड़े, चालक हितेंद्र चौरे के साथ अपने घर से भोजन लाकर सभी को भरपेट भोजन कराया। इस दौरान मीडियाकर्मियों को एक बच्ची बीमार होने की जानकारी मिली तो डॉ.एके शिवानी को फोन लगाकर एम्बुलेंस मंगायी। सहायक राजस्व निरीक्षक विकास बाघमारे को जानकारी मिली तो वे सीएमओ सीपी राय को लेकर मौके पर पहुंचे। सीएमओ श्री राय ने परिवार का सामान रैनबसेना में रखवाया और परिवार को उपचार के बाद यहीं आकर तब तक रहने को कहा, जब तक कि उनको गांव जाने के लिए परिवहन का साधन न मिल जाये। यह परिवार महाराष्ट्र के डोन नामक स्थान पर मजदूरी करता है और वापस रायसेन जिले में बाड़ी-बरेली के पास ग्राम रायपानी के रहने वाले हैं, दो दिन तक डोन में रेलवे स्टेशन पर रुके रहे थे।
प्रशासन ने किया जिले का दौरान
जिला प्रशासन भी जनता कर्फ्यू के दौरान स्थिति पर नजर बनाये हुए था। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी जीपी माली, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम मालवीय, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हरेन्द्र नारायण, टीआई डीके के चौहान, जीआरपी थाना प्रभारी बीएस चौहान सहित अन्य पुलिस टीम ने इटारसी के रेलवे स्टेशन जाकर वहां स्टेशन अधीक्षक राजीव चौहान से मिलकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यह टीम शहर में भी घूमी। मीडिया से बातचीत में एडीएम श्री माली ने कहा कि जनता को धन्यवाद देते हैं कि प्रशासन को कहीं दबाव बनाने की जरूरत नहीं पड़ी है, जनता स्वैच्छा से अपने घरों में बंद हो गयी। इस बार प्रशासन ने कोई सख्ती नहीं की। देश में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर सारा देश जनता कर्फ्यू में उनका समर्थन कर रहा है। बाजार में व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद हैं, यह सारी तस्वीर इस देश की जागरुकता को प्रदर्शित करती है। प्रशासन ने भी मुकम्मल इंतजाम किये हैं। हम एडवायजरी को लागू कराने के प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है कि इसी तरह से हर नागरिक साथ देगा तो हम कोरोना से लड़कर उसे परास्त करेंगे। जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन दायित्वों का बेहतर निर्वहन कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के युद्ध में जिले के नागरिक पूरे मनोयोग से सहभागी बन रहे हैं। बाजार, दुकानें, शॉपिंग माल, प्रतिष्ठान, रेल, बस, आटो-टैक्सी सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन और प्रतिष्ठान बंद हैं।
यात्री ट्रेनों के पहिए थमे
कोविड-19 वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने अपनी यात्री ट्रेन सेवा बंद कर दी है। रेल प्रशासन ने निर्णय लिया है कि भारतीय रेल और कोंकण रेलवे पर चलने वाली सभी यात्री ट्रेनें 31 मार्च 2020 की रात्रि 12 बजे तक बंद रहेंगी। इसके अंतर्गत सभी लंबी दूरी की मेल एक्सप्रेस गाडिय़ां, इंटरसिटी गाडिय़ां (जिसमें प्रीमियम ट्रेनें भी शामिल हैं) और सभी पैसेंजर गाडिय़ां 31 मार्च 2020 की रात्रि 12 बजे तक बंद रहेंगी। जैसा कि पहले सूचित किया था, सबरबन ट्रेन (लोकल ट्रेन) और मेट्रो रेलवे कोलकाता की मिनिमम गाडिय़ां आज रात 12 बजे तक चलती रहेंगी, उसके बाद सभी सबरबन ट्रेन और मेट्रो ट्रेन कोलकाता पूरी तरह से 22 मार्च की रात से 31 मार्च की रात 12 बजे तक बंद रहेंगी। ऐसी ट्रेने जो 22 मार्च 2020 की सुबह 4 बजे के पहले चल चुकी हैं, वे ट्रेनें अपने गंतव्य स्टेशन तक चलेंगी।
सफाईदूत भी सुबह से जुटे रहे
जनता कर्फ्यू के दौरान जहां सारा शहर अपने घरों और परिसर में बैठा था, नगर पालिका के सफाईदूत गलियों और सड़कों पर मुस्तैद थे। मुंह पर मास्क लगाये, हाथों में सैनेटाइजर रखे, दास्ताने पहने ये सफाई दूत गलियों में, बाजार में, नालियों के किनारे कीट नाशक डाल रहे थे, सैनेटाइजर का छिड़काव कर रहे थे। रेलवे स्टेशन के सामने लगी रैलिंग के अलावा नगर पालिका ने रेलवे स्टेशन के भीतर भी जाकर सैनेटाइजर का छिड़काव किया। मुख्य बाजार क्षेत्र में नालियों के किनारे, दुकानों के आसपास, लोहे की ग्रिल, बंद दुकानों के शटर, तालों और अन्य ऐसे ही जगह जहां लोगों का हाथ लगता है, नगर पालिका के स्वच्छता दूतों ने सैनेटाइजर का छिड़काव किया।