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भटकती हुई दिवंगत आत्माओं को मोक्ष प्रदान करती है- जगदीश पाण्डेय

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पितृ पक्ष में होने वाली मोक्ष दायनी भागवत कथा
इटारसी। श्रीमद भागवत कथा पुण्य दायी होने के साथ साथ मोक्ष दायनी कथा भी है। जिसका वर्तमान पितृपक्ष में अत्यधिक महत्व होता है। पृथ्वी पर जीवात्माओं के बीच भ्रमण करने वाली अथवा भटकने वाली दिवंगत आत्माओं को यह हरिकथा मोक्ष प्रदान करती है। इसलिए पितृपक्ष में श्रीमद भागवत का आयोजन अवश्य होना चाहिए। उक्त ज्ञानपूर्ण उद्गार लोकप्रिय कथा आचार्य पंडित जगदीश पाण्डेय ने व्यक्त किए।
मालवीय नगर कॉलोनी नया यार्ड में पितृपक्ष के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समारोह ज्ञानयज्ञ के प्रथम दिवस में उपस्थित श्रोताओं को धुंधकारी मोक्ष प्रसंग के माध्यम से कथा श्रवण कराते हुए आचार्य जगदीश पाण्डेय ने कहा कि गोकर्ण और धुंधकारी दो भाई थे। गोकर्ण जहां धार्मिक प्रवृत्ति के थे तो धुंधकारी नास्तिक और अत्याचारी प्रवृत्ति का था। इसके चलते गोकर्ण अपना घर द्वार त्यागकर वन में चले गए और वैराग्य धारण कर श्री हरिभक्ति में लीन हो जाते हैं। इधर धुंधकारी के दुष्कर्म से परेशान उनके वृद्ध माता पिता का असामयिक निधन होता है। इसके बाद धुंधकारी अपने घर में वैश्याओं के साथ रहता और नित्य नए पाप कर्म करता। एक दिन वही वैश्याएं इसे अत्याधिक मदिरा श्रवण कराकर इसकी हत्या कर देती हैं और इसकी सारी धन संपत्ति लूटकर ले जाती हैं। धुधकारी की मृत्यु की खबर जब भक्त गोकर्ण को मिलती है तो वह वन से वापस घर आते है तब तक धुंधकारी के मृत शरीर का तो आसपास के जनमानस अंतिम संस्कार कर देते हैं लेकिन धुंधकारी की दिवंगत आत्मा यहीं भटकते रहती अत: श्री हरिभक्त गोकर्ण उसकी शांति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का साप्ताहिक आयोजन करते हैं और कथा स्थल पर सात गठान वाला एक बांस गड़ा देते हैं जिसके उनके दिवंगत भाई धुंधकारी की आत्मा प्रवेश कर बैठ जाती है। विद्ववान ब्राह्मणों द्वारा कथा का वाचन किया जाता है और प्रत्येक दिन की कथा समापन के समय बांस की एक-एक गठान चटक जाती है। इस प्रकारण सात दिन में बांस की सातों गठान चटक जाती है और बांस फट जाता है। जिसमें बैठी दुष्कर्मी धुंधकारी की आत्मा निकलकर मोक्ष को प्राप्त करती है। आचार्य श्री पाण्डेय ने कहा कि इस क्षेत्र में भी जितनी दिवंगत आत्माएं भ्रमण कर रहीं हैं वह सातवें दिन मोक्ष को प्राप्त हो जाएंगी। प्रथम दिवस की कथा के प्रारंभ में श्रीमद् भागवत जी की शोभायात्रा निकाली गई।

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