इटारसी। कृषि उपज मंडी समिति के सचिव को कोर्ट ने आज कोर्ट की अवमानना के प्रकरण से दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट के समक्ष आवेदक एमएम बेग ने आवेदन लगाया था कि मंडी सचिव ने कोर्ट के उस आदेश की अवहेलना की है कि जिसमें कहा गया है कि मंडी में बड़ा इलेक्ट्रानिक कांटा संचालित करने दिया जाए।
अधिवक्ता अशोक शर्मा के अनुसार व्यवहार न्यायधीश श्रीमान आनन्द जाम्भूलकर के समक्ष आवेदक एमएम बेग ने आवेदन दिया था, कि मंडी सचिव द्वारा न्यायालय के आदेशानुसार मंडी परिसर में इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटा संचालित नहीं करने दिया जा रहा है, इसलिए मंडी सचिव को दंडित किया जाए। न्यायालय ने अनावेदक के अधिवक्ता अशोक शर्मा एवं संजय शर्मा के तर्कों से सहमत होते हुए आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन खारिज कर दिया। मंडी सचिव को न्यायालय की अवमानना का दोषी नहीं पाया।
तीन साल पुराना है मामला
मिली जानकारी के अनुसार मामला करीब तीन साल पुराना है जब कृषि उपज मंडी में एमएम बेग को इलेक्ट्रानिक तौलकांटा संचालित करने की अनुमति मिली थी। नियम से उनको वार्षिक प्रीमियम जमा करना था। जब उनको प्रीमियम जमा करने को कहा गया तो मंडी और उनके बीच प्रीमियम और रेंट को लेकर कुछ विवाद होने लगा। श्री बेग मामले को कोर्ट में ले गए तो कोर्ट ने आगामी आदेश तक कांटा संचालित करने के आदेश दिए। इसके बाद मंडी ने कांटा चालू भी करा दिया लेकिन उन्होंने कोर्ट की अवमानना का मामला कोर्ट में लगा दिया था। मंडी सचिव की तरफ से कोर्ट को सारे नियमावली के दस्तावेज देकर अवगत कराया कि संबंधित ने प्रीमियम जमा नहीं किया है। मंडी की ओर से अधिवक्ता अशोक शर्मा और संजय शर्मा ने तर्क रखे और आज कोर्ट ने उनके तर्कों से सहमत होते हुए आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन को खारिज कर दिया।
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मंडी सचिव कोर्ट की अवमानना के आरोप से मुक्त
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