इटारसी। 1 जनवरी 2020 से बढऩे वाला महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक की महंगाई (जिसका कष्ट कर्मचारी झेल चुके हैं) के आधार पर है, अत: इसका भुगतान किया जाना जरूरी है। 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 अर्थात डेढ़ वर्ष की अवधि में महंगाई भत्ते की तीन किश्त देय हो जाती है, तीनों का भुगतान नहीं किए जाने का कोई औचित्य नहीं है।
पश्चिम मध्य रेलवे एम्पलाइज यूनियन के प्रवक्ता प्रीतम तिवारी ने आज यहां जारी बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि माल गाडिय़ों के संचालन में, ट्रैक एवं संकेत रखरखाव से जुड़े कर्मचारी, यातायात नियंत्रण कार्यालय वेतन भुगतान एवं अन्य सुविधाओं को प्रदान करने से जुड़े कार्यालय कर्मचारी, वैगन एवं लोको रखरखाव के शेड डिपो से जुड़े कर्मचारी, लोको पायलट, गार्ड, कोच को आइसोलेशन वार्ड में बनाने में जुटे यांत्रिक एवं विद्युत कर्मचारी, आरपीएफ कर्मचारी, चिकित्सा एवं भंडार डिपो के कर्मचारियों ने लॉकडाउन की अवधि में भी अपने घर से बाहर निकल कर लगातार कार्य किया है। ऐसी स्थिति में इंसेंटिव प्रदान करने के स्थान पर इन्हें 18 महीनों तक आर्थिक नुकसान दिया जाना अनुचित है।
उन्होंने कहा कि यदि मान लिया जाए कि 1 जनवरी एवं 1 जुलाई 2020 एवं 1 जनवरी 2021 से महंगाई भत्ता 4-4 प्रतिशत आए तो 6 महीने 4 प्रतिशत, 6 महीने 8 प्रतिशत तथा 6 महीने 12 प्रतिशत कुल 144 प्रतिशत मूल वेतन, यातायात भत्ता तथा 25 प्रतियात महंगाई भत्ता हो जाने पर बढऩे वाले मकान किराए भत्ते सहित अनेक भत्तों में वृद्धि रुक जाएगी। रनिंग कर्मचारियों को 30 प्रतिशत अतिरिक्त नुकसान होगा वह अलग है। इस प्रकार प्रत्येक कर्मचारी को कुल 30 हजार से 2 लाख रुपए तक एवं अधिकारियों को इससे भी अधिक आर्थिक हानि होगी, जो न्यायोचित नहीं है। डेढ़ वर्ष तक की अवधि के भुगतान को स्थाई रूप से नहीं करना एवं इसे स्थगित करना या प्रावधाई खाते तथा एनपीएस खाते में जमा करना, तीनों अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में श्रमिकों के प्रतिनिधित्व करने वाली ट्रेड यूनियन एवं एसोसिएशन के विचार एवं सुझाव आमंत्रित किए बिना इस प्रकार से एकतरफा रोक लगाना सर्वथा अनुचित है।
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]
महंगाई भत्ता का भुगतान करना जरूरी है

For Feedback - info[@]narmadanchal.com