इटारसी। ग्राम बमूरिया के राजपूत भाईयों ने होली के पावन मौके पर मृत्युभोज जैसी कुरीति को समाज से दूर करने के मकसद से एक संकल्प लिया और संकल्प पत्र भरकर एक अनूठी पहल की है।
ग्राम बमूरिया के राजपूत बंधुओं ने मृत्युभोज सहित अन्य सामाजिक कुरीतियों को समाज से दूर करने के उदेश्य से संकल्प पत्र भरकर अनुकरणीय पहल की है। श्री राजपूत समाज कल्याण समिति की ओर से इस अवसर पर इस पहल का स्वागत किया है। ग्राम के अभय सिंह पिता हरिसिंह राजपूत और वीरेन्द्र सिंह पिता निर्भय सिंह राजूपत ने संकल्प पत्र में लिखा है कि उनकी आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी जब मृत्युभोज जैसे संस्कार नहीं करेंगे। उन्होंने समाज के लोगों से आग्रह किया है कि कफन के रूप में जो वस्त्र मृत्यु के वक्त लाए जाते हैं, वे भी न लाएं बल्कि पुष्प अर्पित करें। घाट के दसवा का खाना बिल्कुल बंद करें तथा बाद में तीज त्योहारों के वक्त, सावन, फाल्गुन में आकर घर बैठना भी बंद हो, पगड़ी रस्म भी बंद हो। उन्होंने इसे अपनी अंतिम इच्छा बतायी है। दोनों के संकल्प पत्र पर बाकायदा तीन-तीन गवाह के भी हस्ताक्षर हैं।
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मेरी मौत पर न मृत्युभोज हो, ना ही पगड़ी रस्म
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