इटारसी। मध्य प्रदेश राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में प्रदेश की सरकारी नौकरियों में पड़ोसी राज्यों के बेरोजगारों को उम्र में 7 साल की छूट देने का निर्णय लिया गया है। उपभोक्ता संरक्षण मंच ने इस निर्णय को प्रदेश के युवा बेरोजगारों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण मानकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है
संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष ब्रजमोहन सोलंकी का कहना है कि प्रदेश की सरकारी नौकरियों को पाने का पहला हक प्रदेश में जन्म लेने वाले का है, इसके उपरांत ही पड़ोसी राज्यों को हक बनता है। इस गलत निर्णय को तत्काल वापस लेने चाहिए। संगठन के सचिव मनोज गुलबाके का कहना है कि प्रदेश के बाहर के युवाओं की आयु सीमा को बढ़ाकर समान करना प्रदेश के युवाओं एवं बेरोजगारों के भविष्य के साथ क्रूर मजाक है। इस निर्णय को तत्काल वापस लेना चाहिए। संगठन के सहसचिव सुनील दुबे का कहना है कि बाहरी राज्यों के बेरोजगारों के लिए आयु सीमा को पूर्व की भांति यथावत रहने दिया जाए। प्रदेश के बेरोजगारों के साथ मजाक करने वाले इस निर्णय के प्रति असंतोष व्यक्त करने वाले संगठन के सदस्य जीपी दीक्षित, राजकुमार दुबे, राम शंकर मेहतो, हेमंत भट्ट, अनिल दुबे, नर्मदा मिश्रा, एनआर अग्रवाल, लीलाधर नामदेव, रामविलास चौरे आदि प्रमुख रहे।
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राज्य सरकार अपना निर्णय वापस ले : उपभोक्ता मंच
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