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रायबेरियन जोन इको सिस्टम पर निर्भर : कमिश्नर

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मां से मनुहार कार्यक्रम 28 मई को होगा
होशंगाबाद। नर्मदा नदी का रायबेरियन जोन पूरी तरह इको सिस्टम पर ही निर्भर है हमें मां नर्मदा के 50 लाख पुराने स्वरूप को वापस लाना है। इसके लिए 2 जुलाई को वृहद स्तर पर नर्मदा नदी के तटवर्ती क्षेत्रो मे वनस्पति पौधो, घास, झाड़ी, झंकाड़ लताओ का रोपण किया जाएगा। इस कार्य में सभी व्यक्ति ह्मदय से सहयोग करे क्योकि पौधारोपण का कार्यक्रम मन को संतुष्टि देने वाला यादगार कार्यक्रम होगा उक्त बात नर्मदापुरम संभाग कमिश्न श्री उमाकांत उमराव ने मां नर्मदा के तट क्षेत्र मे सामुदायिक आधारित पौधारोपण की बैठक मे कही। बैठक मे कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया, एडिशनल कमिश्नर श्री आर.के.मिश्रा, वन मंडलाधिकारी श्री संजय सिंह, उपायुक्त राजस्व श्री संतोष वर्मा, समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारी व समस्त जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संयोजक जन अभियान परिषद श्री कौशलेश तिवारी, स्वयंसेवी संस्थाओ व नर्मदा परिवार के प्रतिनिधि मौजूद थे। कमिश्नर श्री उमराव ने बताया कि 60 से 70 वर्ष पूर्व पूरे स्टेट मे 178 प्रकार की मछलियां पाई जाती थी। जिसमे 121 प्रकार की मछलियां तो केवल नर्मदा नदी मे ही पाई जाती थी। किन्तु वर्तमान मे केवल 40 से 41 प्रकार की मछलियां ही नर्मदा मे मिल पा रही है।
400 प्रकार की वनस्पति की सूची
कमिश्नर ने बताया कि रायबेरियन जोन का डाक्यूमेन्टेशन कर लिया गया है। पूर्व मे 400 प्रकार की वनस्पति नर्मदा मे पाई जाती थी। उन वनस्पतियो की सूची बना ली गई है। उन्होने सूची का वाचन ग्रामीणों के बीच करने का निर्देश दिया और बताया कि पूर्व में बनखेडी व ग्राम गनेरा के आसपास सुरखाब पक्षी बहुतायत मे पाए जाते थे किन्तु अब सुरखाब पक्षी लुप्त हो चुका है।
मां से मनुहार कार्यक्रम 28 मई को
कमिश्नर ने बताया कि 2 जुलाई को वृहद स्तर पर पौधारोपण करने से पूर्व अपनी क्षमताओं व संसाधनो का आकंलन करने के लिए मां से मनुहार कार्यक्रम का आयोजन 28 मई को किया जाएगा। इसके तहत 28 मई को सभी नर्मदा परिवार के सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी, स्वंयसेवी संस्थाओ के पदाधिकारीगण नर्मदा नदी से क्षमा मागेगे कि वे उसे प्रदूषित होने से बचा नही पाए फिर सभी लोग नर्मदा से जल लेकर अपने-अपने आवंटित उपखण्ड मे आएगे, औजार व बीज का पूजन करेगे तथा राइपेरियन जोन 1 से लेकर राइपेरियन जोन 4 तक कुछ गड्डे पौधे लगाने हेतु तैयार करेगें। कमिश्नर ने कह कि मां से मनुहार कार्यक्रम के दौरान सभी जगह मेडिकल टीम, पेयजल व स्वल्पहार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
120 कि.मी. के क्षेत्र को 4 जोन मे बांटा गया:- कमिश्नर ने बताया कि नर्मदा नदी के 120 कि.मी. के तटवर्ती लम्बे क्षेत्रो को 4 प्रकार के रायबेरियन जोन मे बांटा गया है। पहला रायबेरियन जोन- 1है जो पानी मे डुबा रहता है। धीरे-धीरे पानी हटता है तो मिट्टी दिखती है। दूसरा रायबेरियन जोन- 2 है जिसमे पत्थर, राम्स मिट्टी है, ढाल वाला क्षेत्र रायबेरियन जोन- 3 कहलाता है और उपर वाला क्षेत्र को रायबेरियन जोन- 4 का नाम दिया गया है। कमिश्नर ने कहा कि सभी को वह सूची उपलब्ध कराई जाएगी कि किस जोन मे कौन से पौधे बीज, घास, झाड़ी, झंकाड़ लताएं लगाई जानी है। उसी के अनुसार पौधे व बीज उपलब्ध कराए जाएगे साथ ही पौधे लगाने का तरीका भी बताया जाएगा, पौधे लगाने के लिए कितना गहरा गड्डा खोदना है यह ग्रामीण जन बताएगे।
60 से 70 प्रकार के बीज एकत्रित
रायबेरियन क्षेत्र मे लगाने के लिए 60 से 70 प्रकार के बीज एकत्रित किए गए है। साथ ही 10 से 20 प्रकार की लताएं, घास, बीट्स का चिन्हांकन किया गया है। कमिश्नर ने बताया कि कितनी तरह की वनस्पति कहां मिलेगी। इसको भी बताया जाएगा। श्री उमराव ने कहा कि उनके नाम भी बताए जाएगे जिन्होने दुर्लभ प्रकार की वनस्पति बीज भी तैयार की है।
नर्मदा परिवार बनाया गया है
कमिश्नर ने बताया कि होशंगाबाद व हरदा के रायबेरियन जोन को उपखण्डो मे बांटा गया है। सभी को एक जैसा उपखण्ड मिलेगा। पौधारोपण के लिए होशंगाबाद मे लगभग ढाई हजार एवं हरदा मे साढे चार सौ नर्मदा परिवार बनाए गए है। हर नर्मदा परिवार मे 10 से 12 सदस्य है। नर्मदा परिवार मे 3 वर्ष से अधिक आयु के बच्चो को भी जोडा गया है। हर परिवार को एरिया दिया गया है जहां उन्हे वनस्पति पौधो का रोपण करना है। हर परिवार को 50 प्रकार के बीज दिए जाएगे कोशिश यह की गई है कि नदी किनारे के गांव के लोगो को अपने खेत के पास का ही उपखण्ड दिया गया है। ताकि वे आसानी से पौधो की देखरेख कर सके। कमिश्नर ने सभी एस.डी.एम को नर्मदा परिवार के साथ बैठक करने के भी निर्देश दिए। कमिश्नर ने कहा कि वृक्ष लागाने से पहले नर्मदा परिवार यह सुनिश्चित करेगा कि आसपास से एक भी घास का तिनका ना हटे।
पौधो की की जाएगी सुरक्षा
कमिश्नर ने कह कि जितने भी पौधे लगाए जाएगे उनकी सुरक्षा के लिए रास्ते के दोनो ओर फेंचिग कर दी जाएगी व रास्तो के दोनो ओर 10 से 15 मीटर तक कंटीले पौधे जैसे बबुल, शबबुल लगा दिए जाएगे व ग्रीन फेसिंग भी मनरेगा से की जाएगी। पर्यावरण विद श्री आर.आर.सोनी ने सुझाव दिया कि ग्रीन फेसिंग मे तुअर के पौधे भी लगा दिए जाए। कमिश्नर ने कहा कि पौधारोपण मे रिटायर कर्मचारियो की भी सेवाएं ली जाएगी। कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने बताया कि हर ग्राम पंचायत मे जनअभियान परिवार से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जो नर्मदा परिवार के संपर्क मे रहेगा और उन्हे आवंटित उपखण्ड मे बार-बार लाएगे।
अच्छे कार्य पर पुरस्कार
कमिश्नर ने कहा कि जो व्यक्ति अपने आवंटित उपखण्ड मे बेहतर तरीके से पौधारोपण करेगा उसे 1 लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा साथ ही 50 हजार, 31 हजार व 21 हजार के अन्य पुरस्कार भी दिए जाएगे। पौधारोपण के कार्यक्रम से 32 स्वयंसेवी संस्थाएं भी जुड़ी है।

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