डिप्टी रेंजर ने कहा, वे क्यों विरोध कर रहे वे जाने, आप खुद आकर देखें
इटारसी। ग्रीन इंडिया मिशन (Green India Mission) द्वारा जंगल में काम पूरा होने के बाद वन विभाग समिति खटामा (VanVibhag samiti, Khatama) ने आपत्ति उठाई। वन क्षेत्राधिकारियों, वन मंडल अधिकारी होशंगाबाद एवं वन क्षेत्र अधिकारी इटारसी से पूरे काम की जांच की मांग की जा रही है।
समिति के सदस्य बलदेव टेकाम (Baldev Tekam) ने डिप्टी रेंजर आरके वर्मा ज़मानी (Deputy Ranger RK Verma Zamani) बीट इंचार्ज से बात की तो उन्होंने बताया कि काम पूरा हो चुका है। लेकिन जब समिति के सदस्य बड़ी संख्या में वहां पर पहुंचे तो बड़ी लापरवाही सामने आयी। पेड़ पौधों को लगाया नहीं बल्कि इधर-उधर छुपाकर रखा गया। मजदूरों ने बताया कि जिनको रुपए मिले हैं वह उनके खाते में नहीं डालें बल्कि हाथ में नगद राशि दी है।
समिति सदस्यों का कहना है कि नियम के अनुसार यह पैसे खाते में डालना था। समिमि सदस्यों ने वहां पर एक निर्माणाधीन वन चौकी को देखा जिसमें एक भी बीम कॉलम, गिट्टी, लोहे की रॉड नहीं मिली। बिना कालम-बीम के मकान बनकर खड़ा हो गया है। तिलक सिंदूर से 8 किलोमीटर इमलीपानी बीट (Imalepani beet) के नाम से यह क्षेत्र जाना जाता है। यह ग्राम अमाड़ा (खटामा) है। गांव के मजदूरों ने बताया कि गलत काम चल रहा है तब समिति के सदस्य आज सुबह 8 बजे मौके पर पहुंच गए।
समिति सदस्यों का कहना है कि कागज में पौधरोपण (Plantation) हुआ है। मामले की जांच कर अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड करना चाहिए। एक और गोलमाल मिला कि जहां पत्थर के डैम बनना चाहिए वहां पर जंगल की लकड़ी काटकर लकड़ी का डैम बना दिया। समिति सदस्यों का कहना है कि अधिकारियों की कार्रवाई की मांग की जा रही है, यदि कार्रवाई नहीं हुई गांव के लोग होशंगाबाद वन मंडल अधिकारी को ज्ञापन देने पहुंचेंगे। इस मौके पर बलदेव तेकाम, मानसिंह कलमे, पप्पू तेकाम, सुरेश कलमे, रम्मू प्रकाश, सुनील उईके, विनोद वारिवा मौके पर पहुंचे थे।
बड़ा प्रोजेक्ट है, काम चल रहा
इस मामले में डिप्टी रेंजर आरके वर्मा (Deputy Ranger RK Verma Zamani) का कहना है कि बड़ा प्रोजेक्ट है, 20 हजार पौधे लगाये जाने हैं, अभी तो काम चल रहा है। 20 हजार पौधे लगाये जाने हैं, बड़ा प्रोजेक्ट है, कागज में पौधे लगाने जैसा कुछ नहीं है, अभी पौधरोपण (Plantation) चल ही रहा है। जहां तक वहां पौधे रखे मिलने की बात है तो जहां ट्राली खाली होगी, वहां पौधे तो रखे मिलेंगे ही। जिस वन चौकी की वे बात कर रहे हैं, वह पक्का टप्पर है, जो सीमेंट-गारे से बनाया है, उस पर टीन शेड डालना है। उसमें कांक्रीट या लोहे का इस्तेमाल नहीं होना है। जब तक यह प्रोजेक्ट चलेगा, तब तक ही इसका इस्तेमाल होना है। वे इसे क्यों गड़बड़ी बता रहे, वे जाने, आप खुद आईए और देखिये क्या और कैसा काम हो रहा है।