व्यवस्था नहीं सुधरी तो ग्रामीण करेंगे सरकारी स्कूल का बहिष्कार

Post by: Manju Thakur

प्रमोद गुप्ता, सारणी पाथाखेड़ा से
पाथाखेड़ा। घोड़ाडोंगरी ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत छत्तरपुर माध्यमिक शाला में ब्लाक में सबसे ज्यादा बच्चों की दर्ज संख्या होने के बाद भी 3 शिक्षकों के माध्यम से स्कूल का संचालन किया जा रहा है। जिसमें से ज्यादा समय एक महिला शिक्षक स्कूल से नदारत रहती हैं। बताया जाता है कि इस स्कूल में वर्तमान समय में192 विद्यार्थी है। जिनमे 2 शिक्षिका और 1 शिक्षक नियुक्त है। उसके बाद भी प्रधानपाठीका हमेसा अनुपस्थित रहती है जिससे बच्चों का पढ़ाई प्रभावित होता है।
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गांव के सरपंच देवकराम ककोडिया जनपद सदस्य शिवदीन सरयाम ने बताया की इसके लिए कई बार ब्लाक शिक्षा अधिकारी और आदिवासी आयुक्त को आवेदन देख कर व्यवस्था सुधारने की मांग की गई। लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पाया है।
गांव के युवा समाजसेवी सुनिल सरयाम ने बताया की प्रधानपाठीका महीने में कम से कम 6-7दिन विद्यालय आती है ,और आने का भी समय कोई निश्चित नही होता है और समय से पूर्व चली भी जाती है। जिससे स्कूल बच्चों की पढ़ाई पर प्रभाव पड़ता है

ग्रामीण करेंगे बहिष्कार
छतरपुर पंचायत के अंतर्गत रहने वाले ग्रामीणों की मानें तो यदि व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ तो वह स्कूल का बहिष्कार करेंगे।
गांव के समाजसेवी सुनील सरेआम ने बताया कि स्कूल तो खुलेगा लेकिन छतरपुर पंचायत के अंतर्गत आने वाले 34 गांव के विद्यार्थी स्कूल नहीं आएंगे। विगत 3 वर्षों से लगातार स्कूल की व्यवस्था सुधारने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं लेकिन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से इस और किसी भी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसकी वजह से स्कूल की व्यवस्था चरमरा गई है शासकीय नियम के अनुसार एक शिक्षक पर 45 बच्चे होना चाहिए। लेकिन 192 विद्यार्थियों के बीच 3 शिक्षक है जिसमें से एक शिक्षक हमेशा अनुपस्थित रहती है।

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