इटारसी। श्रमिक स्पेशल से अपने घरों को लौट रहे मजदूरों का रेलवे स्टेशनों पर उत्पाद और लूटपाट से आज इटारसी स्टेशन भी बच न सका। यहां केवल दस मिनट के लिए रोकी गयी श्रमिक एक्सप्रेस के करीब एक सैंकड़ा यात्रियों ने यहां जमकर उत्पात किया और नाश्ते के लिए आयी ब्रेड, पानी की बोतलें और केले लूट ले गये। यात्री इतने आक्रामक थे कि रेल कर्मियों को खुद को वहां से हटाकर सुरक्षित करना पड़ा।
रेलवे स्टेशन पर आज सुबह करीब 7 से 8 बजे के बीच आयी श्रमिक एक्सप्रेस के यात्रियों ने प्लेटफार्म एक पर यात्रियों को नाश्ते के तौर पर देने के लिए आयी ब्रेड को लूट लिया। इस दौरान वहां तैनात गार्ड ने उनको रोकने की भरपूर कोशिश की लेकिन यात्रियों ने उनकी एक न सुनी और ट्राली पर रखे ब्रेड के पैकेट उठाकर भागे। इस दौरान यात्रियों के बीच आपस में भी ब्रेड के पैकेट को लेकर छीना छपटी हुई है।
रविवार को सुबह करीब 8:05 बजे आयी 1869 श्रमिक एक्सप्रेस के यात्रियों ने लूटपाट की है। यह ट्रेन नागपुर से आकर भोपाल गयी है। यात्रियों को देने के लिए ब्रेड आयी थी। इस बीच करीब तीन बोगियों से यात्री इस खाने के पैकेट देखकर नीचे उतरे। वहां तैनात रेलवे कर्मचारियों और गार्ड ने सबको बोगियों में वापस जाने को कहा। करीब सौ यात्रियों से गार्ड की बात चल ही रही थी कि दूसरी बोगी से एक यात्री दौड़ता हुआ आया और एक पैकेट उठाकर भागने लगा। बस उसके पैकेट उठाते ही शेष सभी यात्रियों ने पैकेट उठाकर भागना शुरु कर दिया। महज दो मिनट में ट्राली को खाली कर दिया। इसके बाद अन्य जगह से पानी की बोतलें, केले और अन्य सामग्री भी लेकर भागे हैं।
ऊपर चढ़ रहे थे यात्री
ट्रेन के यात्रियों पर किसी समझाईश का कोई असर नहीं हो रहा था। वे गार्ड और रेल कर्मचारियों के अलावा जीआरपी-आरपीएफ के जवानों पर चढ़े जा रहे थे। उनके इस रूप को देखकर आखिरकार जब लूटपाट प्रारंभ हो गयी तो रेलकर्मियों और सुरक्षा कर्मियों को पीछे हटना पड़ा। दरअसल, जिस संख्या में ट्रेनें आ रही हैं, उसके मुताबिक यहां फोर्स कम पड़ रही है। जीआरपी के जवान काफी कम संख्या में है तो आरपीएफ के पास भी उतना बल नहीं है। ऐसे में इस तरह की अप्रत्याशित घटना को रोकना मुश्किल हो जाता है। एक तो कोरोना का डर, दूसरा अचानक भीड़ के हमलावर होने का खतरा।
इनका कहना है…
हम घटना के विषय में पता कर रहे हैं, घटना तो इटारसी रेलवे स्टेशन की ही है। लेकिन, हमारे पास बल की कमी भी है और ट्रेनें भी बड़ी संख्या में आ रही हैं। ऐसे में बल की कमी महसूस हो रही है।
देवेन्द्र सिंह, इंस्पेक्टर आरपीएफ