सत्संग जीवन को सद्मार्ग की ओर ले जाता है

Post by: Manju Thakur

कहा मानसवक्ताओं ने
इटारसी। मानव जीवन में रामनाम का सत्संग अतिआवश्यक है यह सत्संग ही हमें अपने मानव धर्म कर्तव्यों का स्मरण कराते हुये सद्मार्ग की ओर ले जाता है। उक्त ज्ञानपूर्ण उद्गार तवा तट सोनतलाई में आयोजित श्रीराम कथा प्रवचन समारोह में उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश से आये 3 प्रमुख मानसवक्तओं ने अपने-अपने अंदाज में व्यक्त किये।
चैत्र नवरात्र के अवसर पर ग्राम सोनतलाई में आयोजित नर्मदांचल क्षेत्र के सबसे बड़े धार्मिक अनुष्ठान के द्वितीय दिवस में प्रात:काल 9 बजे से श्री शतचंडी महायज्ञ अरणि मंथन के द्वारा प्रारंभ किया जिसमें प्रमुख यजमान पं. मोहित भार्गव एवं लक्ष्मीनारायण यादव एवं अन्य यजमानों ने यज्ञ की प्रथम आहुति अर्पित की। यज्ञ के साथ ही दोपहर 1 बजे से श्रीराम कथा प्रवचन समारोह विशाल कथा पंडाल में प्रारंभ हुआ। जहां उपस्थिति हजारों श्रोताओं के समक्ष अयोध्या से आये राष्ट्र संत शषिभूषण महाराज, पं. राकेश पाठक सागर एवं दतिया मध्यप्रदेश से आईं मानस माधुरी ज्योति रामायणी ने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शपूर्ण जीवन का व्ययान सती प्रसंग से करते हुए श्रोताओं से कहा की मानव जीवन में सत्संग की बड़ी भूमिका है। सत्संग ही हमें अपने मानव मूल्यों की ओर अग्रसर करता है। वक्ताओं के अनुसार जीवन में एक बार भी अगर हम राम नाम के महत्व को सत्यता से प्रतिपादित कर लें, तो हमारा जीवन हर्ष-उल्लासपूर्ण रूप से व्यतीत होता हैं।
अयोध्या के संत शषिभूषण दास ने कहा कि वर्तमान समय में जो राजनैतिक और सामाजिक वातावरण बन रहा है वह हमें इंगित कर रहा है कि राम जन्म भूमि में भगवान श्री रामलला के मंदिर का निर्माण अतिशीघ्र प्रारंभ होगा। प्रारंभ में संयोजक पं. राजीव दीवान, पं. रामशंकर तिवारी, राकेश मालवीय, जगन्नाथ यादव सहित गणमान्य ग्रामीणों ने प्रवचनकर्ताओं का पुष्प हार से स्वागत किया।

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