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स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 : होशंगाबाद जिला ही हो गया स्टार विहीन

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सबके दावे हो गये फेल, परिणाम सिफर
इटारसी। स्वच्छता सर्वेक्षण में आज आए रिजल्ट में पूरा होशंगाबाद जिला स्टार विहीन हो गया है। इटारसी शहर ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 7 में से 3 स्टार के लिए आवेदन किया था, लेकिन शहर पहले मिले सिंगल स्टार को भी नहीं बचा पाया है। हालांकि दावा तो 3 स्टार का था लेकिन, इसके लिए नपा को कड़ी मशक्कत करनी थी जो नेतृत्व के अभाव में हो न सकी। बताया जाता है कि इस बार स्टार रेटिंग के लिए टीम भी सर्वे करने नहीं आयी केवल दस्तावेज के अनुसार ही रिजल्ट घोषित कर दिया है।
कुल जमा यह है कि परिणाम इटारसी सहित संपूर्ण जिले के लिए ही आशा के अनुकूल नहीं रहे हैं। इस बार की रेटिंग, कचरे की प्रोसेसिंग पर आधारित थी। शेष बातें सामान्य सी थीं, जैसे कचरा गाडिय़ां चल रही हैं या नहीं, घर-घर से कचरे का संग्रहण हो रहा है कि नहीं जैसी सामान्य सी बातें थीं। सबसे बड़ा तो गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करना चुनौती थी। इसमें प्रतिशत 80 फीसद से ऊपर होना था। लेकिन, यहां यह नहीं होने से सिंगल स्टार रेटिंग भी हाथ से चली गयी।

जरूरी है गीला-सूखा कचरा अलग-अलग रखना
नपा को 3 स्टॉर के लिए शहर भर से जमा किए जाने वाले गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग जमा करना जरूरी था। यह कचरा घर से निकलते समय ही गीला अलग और सूखा अलग जमा किया जाना चाहिए। यह कचरा नपा द्वारा जमा किए जा रहे कलेक्शन सेंटर पर भी अलग-अलग व्यवस्थित पहुंचना चाहिए और उसके बाद जहां इस कचरे को डंपिंग यार्ड में जमा किया जाना होता है, वहां भी अलग-अलग ही पहुंचना चाहिए। दोनों कचरा पर प्रक्रिया करने की जिम्मेदारी भी नपा को करनी होगी।

कचरे का वर्गीकरण बड़ी चुनौती
नपा के सामने कचरे का वर्गीकरण करना एक बड़ी चुनौती है। सूखा और गीला कचरा अलग-अलग जमा करना इसमें आवश्यक होता है। इस प्रक्रिया पर कचरे के घर से निकलते समय ध्यान देना है। उसे वाहन से ले जाकर डपिंग यार्ड में जमा करने के बाद उस पर प्रक्रिया करने की जिम्मेदारी भी नपा को स्वीकारनी होती है। इस प्रक्रिया में जिले की कोई भी नगर पालिका अपने आपको साबित नहीं कर सकी है। दरअसल, इसके पीछे एक नहीं कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, क्योंकि इस बार परीक्षा कठिन थी।

नेतृत्व का भी अभाव रहा है
माना जा रहा है कि जिस वक्त नगर पालिका ने थ्री स्टार रेटिंग का दावा पेश किया था, उस वक्त नगर पालिका में नेतृत्व की कमी रही थी। सूत्र बताते हैं कि जब इस पर काम होना था, उस वक्त सीएमओ नहीं थे, फिर हरिओम वर्मा आए उन्होंने काम प्रारंभ ही किया लेकिन, यह प्रक्रिया लंबी थी तो उनको भी उतना वक्त नहीं मिला। फिर वर्तमान सीएमओ सीपी राय आए लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी। कुल जमा इटारसी ओडीएफ डबल प्लस होने से शहर को फायदा मिलना चाहिए था। लेकिन, नहीं मिला।

सबके दावे हो गये फेल
ऐसा नहीं है कि केवल होशंगाबाद जिला इसमें पिछड़ा है। बल्कि पूरे मप्र में जिसने जो दावा किया था, उससे वह कई पायदान नीचे ही खिसका है। जैसे सेवन स्टार रेटिंग के दावे पर इंदौर को मिले 5 स्टार तथा भोपाल और उज्जैन को 3 स्टार मिले। खरगोन, बुरहानपुर, ओंकारेश्वर, पीथमपुर, छिंदवाड़ा, कांटाफोड़, कटनी और सिंगरौली थ्री स्टार रहे तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर, खंडवा, महेश्वर, सरदारपुर, हातोद, बंधनवार और शाहगंज वन स्टार रहे। हमने थ्री स्टार का दावा किया था, सिंगल स्टार भी नहीं मिला।

इनका कहना है…!
इस बार नतीजे अपेक्षाकृत लगभग हर शहर के विपरीत ही आये हैं। दरअसल, इस बार जो मानक तय किये गये थे, वे काफी सख्त थे। हालांकि यह अंतिम नहीं है, हम पुन: प्रयास करेंगे और आगामी वर्ष में फिर बेहतर करने की कोशिश होगी।
सीपी राय, सीएमओ

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