बैठक में बनी सहमति
इटारसी।रेलवे मालगोदाम की तीन नंबर लाइन पर आज जो हम्माल ओएचई की चपेट में आकर झुलस गया है, उसकी मदद के लिए हम्माल और ठेकेदार साथी आगे आए हैं। आज हम्माल की मदद के लिए राम-रहीम हम्माल समिति और ट्रक ऑनर एसोसिएशन की एक बैठक राज टाकीज़ के पास स्थित दरगाह परिसर में हुई।
बैठक में राम-रहीम हम्माल टोली की तरफ से प्रस्ताव रखा गया कि मालगोदाम में काम करने वाले ठेकेदार पांच-पांच हज़ार रुपए का सहयोग करे और समिति दस हज़ार रुपए की मदद करेगी। इस तरह से एक लाख रुपए एकत्र करके हम्माल की मदद की जाएगी। दोनों एसोसिएशन के सदस्य बैठक में तो सहमत हो गए। ठेकेदारों ने भी मानवता के नाते इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त कर दी। इसके अलावा रेलवे से इसका मुआवजा मांगने डीआरएम से मिलने पर भी बैठक में चर्चा हुई। डीआरएम से मिलकर मालगोदाम पर व्यवस्थाओं की मांग की जाएगी।
बैठक के बाहर उठी बात
सूत्र बताते हैं कि दोपहर में हम्माल की मदद के लिए आयोजित बैठक में तो दोनों संगठनों के सदस्यों ने हम्माल की मदद पर सहमति व्यक्त कर दी। लेकिन बैठक के बाद ठेकेदारों में इस बात को लेकर बात उठी कि आखिर राम-रहीम टोली प्रति रैक पर एक बैगन की जो पर्ची काटती है, वह पैसा कहां जा रहा है? उस पैसे से क्यों मदद नहीं की जा सकती है? हालांकि ठेकेदारों ने मानवीयता के नाते पैसा देने में सहमति दी और इस पर उन्हें कोई आपत्ति भी नहीं, लेकिन, सवाल यही उठाए जा रहे हैं कि वर्षों से जमा किया जा रहे पैसे का क्या किया जा रहा है? जो पैसा ठेकेदार दे रहे हैं, उसके जोड़ का दोगुना समिति को देना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि जो पैसा समिति के पास जमा हो रहा है, उससे मदद की बात भी पूरी तौर पर सच्ची नहीं है, क्योंकि जो मदद की जाती है, उस पर भी ब्याज़ वसूला जाता है। इस तरह से मदद के नाम पर केवल रस्म अदायगी ही होती है।
ये है समिति का पक्ष
राम-रहीम हम्माल समिति शाहनवाज़ बैग ने इस सवाल पर कि जो पैसा लिया जाता है, उसका क्या होता है? जवाब दिया कि उस पैसे से धार्मिक काम कराए जाते हैं। इसके अलावा हम्मालों के परिवारों में बच्चियों की शादी में दस हजार रुपए की एफडी कराके दी जाती है और हम्मालों की बीमारी में भी मदद की जाती है। उन्होंने बताया कि जो हम्माल अभी घायल है, उसे समिति बाद में भी मदद करेगी। जिस दिन से घटना हुई है, उस दिन से वो जब तक ठीक नहीं होगा, उसके प्रतिदिन के हिसाब से जो कमाई का पैसा होता है, उसके नाम पर निकाला जा रहा है, वह उसके परिवार को दिया जाएगा।