पुलिस ने किया अंधे कत्ल का पर्दाफाश

Post by: Manju Thakur

होशंगाबाद । पुलिस ने दस माह पहले हुए एक हत्याकांड का पर्दाफाश कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस कप्तान अरविंद सक्सेना के मार्गदर्शन
एवं एएसपी राकेश खाखा के नेतृत्व में व एसडीओपी एसएल सोनिया के निर्देशन में डोलरिया थाना प्रभारी महेश टानडेकर व उनकी टीम ने दस माह से लापता को दराखेड़ी निवासी ब्रजमोहन रघुवंशी की लाश को खोज निकाला और आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की । एसडीओपी एसएल सोनिया ने बताया कि मृतक की बहन ने दस माह पहले अपने भाई ब्रजमोहन की गुमशुदगी की रिपोर्ट डोलरिया थाने में दर्ज कराई थी । जिसे पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना ने गंभीरता से लिया और थाना प्रभारी महेश टानडेकर को जल्द ही इसकी जांच करने कहा। आखिरकार थाना प्रभारी महेश को एक अहम सुराग जांच के दौरान हाथ लग गया । उसी आधार पर पुलिस ने ब्रजमोहन के भाई राममोहन व उसके पुत्रों से पूछताछ की तो मामले का पटाक्षेप होने में देर नहीं लगी। बताया गया कि मृतक के भाई राममोहन रघुवंशी, उसके पुत्रों अजीत रघुवंशी, सतीश रघुवंशी, व होशंगाबाद ग्वालटोली निवासी दौलत यादव ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।
आरोपियों ने ब्रजमोहन की हत्याकर उसकी लाश को सेप्टिक टेंक के अंदर डाल दिया। पुलिस ने बताया कि इतना ही नहीं मृतक की बहन सरोज कोटरा निवासी ने अपने अपने भाई के संबंध में जब परिवार वालों बार बार पूछताछ की तो वे कई महीने तक गुमराह करते रहे कि उसका भाई कभी वह भोपाल में भर्ती हैं तो कभी मुंबई में इलाज कर रहे हैं। जिस पर ब्रजमोहन की बहन को कुछ शक हो गया और उसने पुलिस को यह बात बताई । तब थाना प्रभारी महेश टानडेकर ने पूरा मामला समझ लिया था और अपने वरिष्ठ अधिकारियो के दिशानिर्देश पर आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश किया । कुल मिलाकर पूरा मामला करोड़ों की प्रापर्टी व लाखों रूपए नगदी का था जो कि मृतक ब्रजमोहन के नाम पर था। जिस पर राममोहन व उसके पुत्रों की नजर थी। इन्हे शक था कि कहीं ब्रजमोहन सब कुछ अपने भांजे के नाम पर ना कर दे । बस इसी लालच के उद्देश्य से राममोहन ने अपने दोनों पुत्रों व होशंगाबाद के दौलत के साथ मिलकर ब्रजमोहन को मौत के घाट उतार दिया था और साक्ष्य छिपाने लाश को सेप्टिक टैंक में डाल दिया था । इस मामले का खुलासा करने मेंं डोलरिया थाना प्रभारी महेश टानडेकर, सहायक उप निरीक्षक रमेश शर्मा, प्रधान आरक्षक विनोद रघुवंशी, आरक्षक कमलेश, राकेश, तरूण , जितेंद्र, यतेन्द्र, दीपक पाठक, आदि का सराहनीय योगदान रहा है ।
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