रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी हो कोविड की जांच

Post by: Rohit Nage

– कोविड उपचार के लिए निजी अस्पतालों संबद्ध होंगे
– डोर-टू-डोर फीवर सर्वे का कार्य प्रारंभ किया जाएगा
– कलेक्टर ने की कोविड की व्यवस्थाओं की समीक्षा
होश्ंगाबाद। जिले में कोविड के प्रसार की रोकथाम के लिए प्रभावी टेस्टिंग की कार्यवाही की जाए। प्रतिदिन 1000 से अधिक सैंपलिंग करें। मेडिकल टीम नियोजित कर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर कोविड जांच की जाए। यह निर्देश कलेक्टर होशंगाबाद नीरज कुमार सिंह ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी होशंगाबाद की दिए हैं।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम सहित अन्य अधिकारी एवं विकास खंड स्तरीय अधिकारी वीसी के माध्यम से शामिल रहें।

क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक करें

ओमीक्रॉन वायरस व कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के दृष्टिगत मैदानी स्तर पर सभी व्यवस्थाएं मजबूत करें। ब्लॉक, वार्ड एवं ग्राम स्तरीय क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक मंगलवार को आयोजित करें, जिसमें रणनीति तैयार कर ग्रामीण एवं नगरीय इलाकों में डोर टू डोर फीवर सर्वे की कार्यवाही शुरू कराएं। प्रत्येक 50 घर के लिए एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाकर क्षेत्र में कोरोना नियंत्रण की प्रभावी निगरानी, सर्वे में निकले सर्दी, खंासी के मरीजों की जानकारी संधारित करें।

निजी संस्थाएं निर्धारित दरों से ज्यादा न वसूलें

कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए की मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत निजी चिकित्सालयों को संबद्ध करने की कार्यवाही करें। कोविड उपचार व अन्य बीमारियों के उपचार के लिए निजी स्वास्थ्य संस्थाएं निर्धारित दर से ज्यादा न वसूलें इसकी कड़ी मॉनिटरिंग की जाए।

कोविड केयर सेंटर पुन: चालू करें

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिला मुख्यालय सहित सभी ब्लॉकों में कोविड केयर सेंटर चिन्हित कर पुन: चालू करवाएं। वहां बेड्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, जरूरी दवाएं, मेडिकल स्टाफ आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। डिस्ट्रिक्ट कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तथा फीवर क्लीनिक सेंटर्स को फिर से सक्रिय कर यहां मेडिकल टीम व अन्य स्टाफ की तैनाती करें। उन्होंने कहा कि गंभीर लक्षण वाले मरीजों का संबंधित चिकित्सालय में तथा सामान्य लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन और सीसीसी में उपचार किया जाए।

सावधानियों और आवश्यक दवाओं का प्रचार करें

कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि कोरोना नियंत्रण के लिए आवश्यक सावधानियों और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आवश्यक दवाइयों का वॉल पेंटिंग के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाए। जिले में मास्क के उपयोग का भी गंभीरता से पालन सुनिश्चित कराएं। सभी एसडीएम एवं सीएमओ फील्ड पर उतरकर रोका टोकी की कार्यवाही करें।

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