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drinking water crisis : यहां महिलाएं हुईं एकजुट, अब होगी आरपार की लड़ाई

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इटारसी। पिछले 20 दिन से निरंतर पेयजल संकट का सामना कर रहीं तवानगर (Tawanagar) की महिलाएं एकजुट हो गयी हैं और अब उन्होंने आरपार की लड़ाई का मन बना लिया है। प्रशासन द्वारा की जाने वाली उपेक्षा से नाराज ये महिलाएं अब कलेक्टर के पास जाएंगी और अपनी परेशानी उनको बताएंगी। सात दिन में यदि समाधान नहीं किया तो महिलाएं अन्न-जल त्यागकर नहरों से सिंचाई के लिए पानी रोक देंगी।आज तवानगर के शिवमंदिर (Shiv Mandir) में महिलाओं की बैठक श्रीमती सविता घोड़के की अध्यक्षता में हुई जिसमें महिलाओं ने कई निर्णय लिये। महिलाएं पेयजल की समस्या के लिए अब कलेक्टर (Collector) से मिलने जिला मुख्यालय पर जा रही हैं। वे जनसुनवाई में अपनी बात रखेंगी और जिला पंचायत सीईओ (CEO) से मिलकर समस्या बताएंगी।

पैसा जमा है तो पानी क्यों नहीं

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बैठक में मौजूद रीता सिंह (Rita Singh) ने कहा है कि ग्राम की 75 प्रतिशत जनता ने पानी का पैसा जमा किया है, बावजूद इसके उनको पानी नहीं मिल रहा है। पैसा लेने के बावजूद पंचायत ने बिजली का बिल क्यों जमा नहीं किया है, यह बड़ा सवाल है। 13 लाख रुपए बिजली का बिल आया है जो पिछले कई वर्षों का इक_ा हुआ है। जब पहले बिल कम था, तो पंचायत ने बिल जमा क्यों नहीं किया? सचिव और सरपंच ने उस वक्त क्यों बिल जमा करने में रुचि नहीं दिखाई? बड़ा सवाल यह भी है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबंध में कोई जांच क्यों नहीं की?

दो-तीन किमी जाते हैं पानी लेने

तवानगर की महिलाओं को इस गर्मी की शुरुआत में ही दो से तीन किलोमीटर तक पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं और उनको भी पढ़ाई छोड़कर पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। महिलाओं ने तय किया है कि प्रशासन को इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए सात दिनों का समय दिया जाए। महिलाओं का कहना है कि स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने समस्या के हल करने के लिए किसी प्रकार की कोई रुचि नहीं ली है, अत: अब उनको जिला मुख्यालय जाकर अपनी समस्या बताना पड़ रहा है।

अन्न-जल त्यागकर पानी रोकेंगी

बैठक में शामिल महिलाओं ने अब पेयजल के लिए आरपार की लड़ाई लडऩे का मन बना लिया है। पिछले कई वर्षों से महिलाएं पेयजल का संकट झेल रहीं हैं। तवानगर की सविता घोड़के (Savita Ghodke), सुरेखा राजपूत ( Surekha Rajput), अनुसुईया (Anusuiya), ममता (Mamta), ज्योति (Jyoti), मीना (Meena), रमाबाई (Ramabai), संगीता (Sangeeta), पूजा (Pooja), कमला (Kamla), सरोज (Saroj), रेखा (Rekha), लक्ष्मीबाई ( Laxmibai), सहित अनेक महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्या का सात दिन में स्थायी समाधान नहीं किया गया तो वे अन्न-जल त्यागकर नहर के दूसरे क्षेत्र में भी पानी नहीं जाने देंगी जो सिंचाई के लिए नहरों से दिया जाता है।   

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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