नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले आरोपीगण को सश्रम कारावास

Post by: Aakash Katare

10 years rigorous imprisonment to the person who shot with the intention of murder and 5-5 years rigorous imprisonment to his accomplices

इटारसी। न्यायालय द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश इटारसी (Court II District & Sessions Judge Itarsi) ने नाबालिग से छेड़छाड़ के एक मामले में दो आरोपियों को 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी एचएस यादव (Additional District Prosecuting Officer HS Yadav) के अनुसार आरोपी सतीष मेहरा उर्फ बब्लू पिता चंदन मेहरा एवं योगेश सराठे पिता प्रहलाद सराठे निवासी नागपुर कलॉ थाना पथरोटा को धारा 354 भादवि के अंतर्गत 01 वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 7/8 पाक्सो अधिनियम के अंतर्गत 03 वर्ष का सश्रम कारावास और 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

श्री यादव ने बताया कि पीडि़ता ने 27 जनवरी 2019 को थाना पथरौटा में रिपोर्ट लिखाई थी कि वह नागपुरकलॉ में रहकर पढ़ाई करती है। कक्षा 10 वी का प्राईवेट फार्म भरा है। 26 जनवरी 2019 को शाम करीब 7 बजे वह फोन पर सहेली से बात कर रही थी।

उसके मम्मी-पापा ने उसे बात करते हुए देखा तो उस पर नाराज होने लगे। उसके माता-पिता गुस्सा कर रहे थे, इसलिए वह भागकर उसकी पहचान की दीदी के घर नटराज प्लांट नागपुर कलॉ चली गई और उसे मम्मी पापा के नाराज होने वाली बात बताई थी। कुछ देर बाद दीदी के फूफाजी बबलू मेहरा और योगेश खवास मोटर साइकिल से आये, जिन्हें वह अच्छे से जानती है।

दीदी ने उसे समझाया और कहा कि तुम बबलू के साथ चले जाओ, ये तुम्हें घर छोड़ देगा, तो वह रात करीब 10:30 बजे बबलू की हरी काली मोटरसाइकिल पर बैठ गई। गाड़ी योगेश चला रहा था, वह बीच में बैठी थी, बबलू पीछे बैठा था।

वह दोनों उसे वहां से लेकर निकले पर घर तरफ न जाकर उसे 16 नंबर पुलिया के आगे जंगल में ले जाने लगे, उसने चिल्लाने की कोशिश की तो बबलू ने उसका मुंह दबा दिया और बोला कि चुपचाप बैठी रहे, नहीं तो जान से मार दूंगा। उसे जंगल ले गये, बबलू ने उसे मोटरसाइकिल से उतारा।

बबलू ने उसका पीछा किया, पर वह भाग कर नई बस्ती झुग्गी में स्कूल के पास एक आंटी के घर चली गई, वहां एक अंकल ने 100 नंबर पर फोन लगाया, तो 100 नंबर गाड़ी आई और उसके कहने से उसके घर नागपुर कलॉ में मम्मी-पापा के पास छोड़ दिया।

वह डर गई थी, इसलिए उसने 100 डायल में जो साहब थे, उन्हें यह बात नहीं बताई। बाद में घर आकर मम्मी-पापा को सारी बात बताई और सुबह अपने बड़े पापा, पापा एवं मम्मी के साथ रिपोर्ट करने आई।

रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 354, 354-बी, 506 भाग-2, भादवि लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 7/8, 11/12 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। विवेचना उपरांत न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया।

न्यायालय में अभियोक्त्रि द्वारा घटना का समर्थन किया। अभियोजन द्वारा अभियोक्त्रि को नाबालिक भी प्रमाणित किया। न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य पर विश्वास करते हुये आरोपीगण को दण्डित किया गया।

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