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केवल सरकारों के भरोसे रामराज नहीं आएगा, हमारा भी कर्तव्य है सहयोग करें

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इटारसी। श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर में आयोजित श्रीराम जन्मोत्सव में आज अपने प्रवचनों की श्रंखला में दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय रामकथाकार श्रीश्री 1008 युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य और ऐतिहासिक मंदिर बन रहा है रामराज्य की कल्पना सभी को है, रामराज आना भी चाहिए, पर अकेले सरकारों के भरोसे रामराज नहीं आएगा। इस कार्य हेतु हमारा भी सहयोग जरूरी है और हमें करना चाहिए।

युवराज स्वामी वाल्मीकि एवं तुलसीदासकृत रामायण पर प्रवचन दे रहे हैं। आज दूसरे दिन खचाखच भरे द्वारकाधीश मंदिर परिसर में व्यासपीठ पर विराजे आचार्यश्री का स्वागत समिति के मुख्य संरक्षक विधायक डॉ सीतासरन शर्मा, संरक्षक प्रमोद पगारे, अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सांवरिया, कार्यकारी अध्यक्ष जसवीर छाबड़ा, सचिव अशोक शर्मा, कोषाध्यक्ष प्रकाश मिश्रा, सहकोषाध्यक्ष अमित सेठ एवं भागवत गोष्ठी के सदस्यों ने किया। आचार्य श्री ने कहा कि कर्म प्रधान विश्व करि राखा, कर्म ही जीवन में प्रधान है और यदि बच्चों को व्यासपीठ से कहेंगे कि भगवान को पुष्प और पत्ती भेंट कर भगवान उन्हें पास कर देंगे। बिना पढ़े लिखे बच्चे कैसे पास होंगे और क्या बनेंगे? इसकी कल्पना से ही भय लगता है। क्योंकि ईश्वर ने कर्म को प्रधानता दी है।

बिना कर्म के हमें किसी से कुछ मिल जाए, इसका विचार भी नहीं करना चाहिए। श्री राम कथा को विस्तार देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि अयोध्या के राजा चक्रवर्ती सम्राट दशरथ को कोई संतान नहीं होने पर वह बहुत ज्यादा दुखी हैं, तब उन्होंने मंत्री सुमंत को निर्देश दिए कि वह ब्राह्मणों को सादर सहित बुलाकर लाएं, उनकी जो यज्ञ की इच्छा है वह पूरी हो, ताकि संतान उत्पत्ति हो सके। आचार्य श्री ने कहा कि सुमंत ने राजा के गुरु वशिष्ट सहित सभी ब्राह्मणों को बुलवाया यज्ञ विधि विधान से संपन्न हुआ और जितने दिन यह यज्ञ चलता रहा नगर वासियों और ब्राह्मणों को सभी प्रकार का भोजन कराया जाता रहा। यज्ञ के पूर्ण होने पर राजा ने कई प्रकार के दान किए।

आचार्य श्री ने कहा कि यज्ञ से प्रजापत्य पुरुष प्रगट हुए और उन्होंने राजा को खीर दी, राजा दशरथ ने खीर का आधा भाग रानी कौशल्या को बचे हुए आधे भाग में से आधा भाग सुमित्रा को एवं शेष भाग कैकई को दिया। उस खीर को खाने के बाद राजा दशरथ की तीनों रानियां गर्भवती हुई एवं चैत्र माह की नवमी तिथि को मध्य दुपहरी में भगवान का जन्म हुआ। आचार्य श्री ने कहा कि प्रभु श्री राम का जन्म राक्षसी प्रवृत्तियों और रावण के कुल के वध के लिए ही हुआ था। प्रवचन में बांसुरी वादक सोनू साहू, तबले पर संजू अवस्थी, बैंजो पर मिथिलेश त्रिपाठी एवं सुश्री ललिता ठाकुर ने भजनों की आकर्षक प्रस्तुतियां दी।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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