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भरत के समान भाई सृष्टि में दूसरा पैदा ही नहीं हुआ : रामकृष्णाचार्य

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-श्री राम जन्म महोत्सव समिति द्वारा आयोजित संगीतमय श्री रामकथा का पंचम दिवस
इटारसी।
श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर में आयोजित श्री राम जन्मोत्सव समिति की श्री राम कथा महोत्सव के पंचम दिवस व्यास पीठ पर श्री श्री 1008 श्री युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य ने कहा बाल्मीकि रामायण और तुलसीदास जी की रामचरितमानस दोनों ही अद्भुत ग्रंथ हैं।

प्रभु श्री राम की बाल लीला से लेकर राम जी के राज्याभिषेक तक की कथा घर-घर में सुनी जाती है।
आचार्य रामकृष्णाचार्य ने कथा को विस्तार देते हुए कहा कि राजा दशरथ अयोध्या से बारात लेकर जनकपुर आये। बारात कई महीनों तक रुकी रही। बारात को जनक जी ने विदाई दी। बारात अयोध्या पहुंची और कुछ समय पश्चात अपशगुन अयोध्या पहुंच गए। उन्होंने कहा कि अयोध्या की दासी मंथरा ने राजा दशरथ की पत्नी कैकई की बुद्धि भ्रष्ट की। कैकई ने 2 वर मांगे और जिस राम का राज्याभिषेक होना था उन्हें 14 वर्ष का वनवास मिला। राम वन को गए उनके साथ लक्ष्मण और सीता जी भी गई। आचार्य श्री ने कहा कि राम के वन गमन के बाद राजा दशरथ की मृत्यु हुई। भरत ने माता कैकई को भला बुरा कहा।

आचार्य ने केवट प्रसंग सुनाया और उसके बाद उन्होंने कहा कि भरत लाल जी अपने भाई से मिलने चित्रकूट गए तब प्रभु श्री राम ने भरत से इतना ही कहा कि तुम जाकर अयोध्या में राज करो। भरत के मांगने पर प्रभु राम ने अपनी दोनों खड़ाऊ भरत जी को दी। भरत जी ने नंदीग्राम में ही खड़ाऊ की स्थापना की और अयोध्या का राज किया। आचार्य श्रीरामकृष्णाचार्य ने कहा कि सृष्टि में भरत जैसा दूसरा भाई कोई हो नहीं सकता। आचार्य ने प्रभु श्री राम की वन गमन की लीला को बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। रावण की बहन शूर्पणखा की नाक का काटना, माता सीता का हरण, जटायु रावण युद्ध की कथा भी श्रवण कराई। प्रभु श्री राम ने शबरी पर किस तरह कृपा की ।उसे नवधा भक्ति का उपदेश दिया एवं सुग्रीव से मित्रता एवं बाली वध का प्रसंग भी विस्तार से बताया।

समिति के प्रवक्ता भूपेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि समिति के अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सावरिया, रमेश चांडक, कार्यकारी अध्यक्ष जसवीर सिंह छाबड़ा, सचिव अशोक शर्मा, कोषाध्यक्ष प्रकाश मिश्रा, समाजसेवी सुधीर गोठी सहित भागवत गोष्ठी के सदस्यों व्यंकट सोमानी कटनी, श्याम गट्टानी पिपरिया, संजय हूरकट, केशव मूंदड़ा पिपरिया, श्रीकांत गट्टानी, सुरभि गट्टानी, भारती मूंदड़ा पिपरिया, गोविंद बांगड़, संजय बांगड़ इंदौर, छोटेवीर चौधरी, कैलाश रैकवार, सुनील बांगड़ आदि ने व्यासपीठ एवं महाराज जी का पुष्पहार से स्वागत किया। बता दे कि कथा में बड़ी संख्या में इटारसी, सिवनी मालवा, पिपरिया, बेतूल, नर्मदा पुरम क्षेत्रों के महिला पुरुष श्रोता पहुच रहे है। द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर तुलसी चौक का पूरा परिसर श्रद्धालुओं से भरा हुआ था एवं सायंकाल 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक श्रद्धालु रामकथा का भरपूर आनंद ले रहे हैं।

श्री द्वारकाधीश बड़ा मंदिर की इस भव्य रामकथा में आ रहे हैं। समिति के द्वारा सभी की व्यवस्था की जा रही है। संगीत कलाकार सुनील साहू ने बांसुरी पर संगत दी। तबले पर संजू अवस्थी, बैंजो पर मिथिलेश त्रिपाठी ने संगत दी भजनों की सुमधुर प्रस्तुति सुश्री ललिता ठाकुर ने की। रविवार को निषादराज जयंती के अवसर पर श्रीराम जन्म महोत्सव समिति द्वारा सामाजिक जुलूस का बड़ा मंदिर के समक्ष स्वागत किय़ा।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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