इटारसी। आज विधानसभा में महाराजा प्राथमिक उपभोक्ता भंडार में गड़बड़ी का मामला विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने उठाया। जवाब में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जांच में वहां अनियमितताएं पायी गईं थीं, संचालक मंडल को हटाकर वहां प्रशासक बिठाया है और मामले में पुलिस में एफआईआर भी दर्ज है। मंत्री ने कहा कि विधायक डॉ. शर्मा चाहते हैं कि विभागीय तौर पर भी जांच करके एफआईआर कराएं तो हम यह भी करा सकते हैं।
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने पूछा था कि क्या महाराजा प्राथमिक उपभोक्ता भंडार मर्यादित वार्ड 13, इटारसी, जिला नर्मदापुरम के संचालकों द्वारा फर्जी सदस्य बनाने सहित अन्य शिकायतों पर इटारसी थाने में अपराध क्रमांक 676/2020 में धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी में प्रकरण पंजीबद्ध हुआ था? महाराजा प्राथमिक उपभोक्ता भंडार के संचालकों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? क्या इस संबंध में संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? क्या खाद्य विभाग से थाना प्रभारी इटारसी ने कब-कब कौन-कौन सी जानकारी मांगी गयी थी? वांछित जानकारी क्या दे दी गयी है? संयुक्त संचालक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 8033/शिकायत/2021, दिनांक 03.08.2021 से कलेक्टर, होशंगाबाद/नर्मदापुरम द्वारा राशन माफिया पर कार्यवाही हेतु लिखे गये पत्र के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी?
जवाब में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि संस्था के संचालक मण्डल को म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 53 (1) के अन्तर्गत अधिक्रमित कर प्रशासक नियुक्त किया है। थाना प्रभारी इटारसी द्वारा खाद्य विभाग से पत्र क्रमांक/था.ई./अप.-948/2023, दिनांक 09.06.2023 से चाही गई जानकारी 08.07.2023 में प्रदाय की गई है। डॉ. शर्मा ने प्रश्न किया था कि फर्जी सदस्य बनाकर सोसाइटी बनाई गई और उसमें जांच हुई है और जांच में डीआर, ने यह लिखा है कि उन्होंने कोई सूची उपलब्ध ही नहीं कराई, इसमे भी जाहिर होता है कि फर्जी सदस्य थे। इसमें वित्तीय अनियमितताएं भी हंंै और यह भी डीआर की जांच में आया है। क्या वह इसकी विस्तृत जांच निश्चित समय सीमा में कराकर और यदि उस सोसाइटी में फर्जी सदस्य हैं, फर्जी सोसाइटी पायी जाती है तो क्या वह सोसाइटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायेंगे?
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि विधायक के पत्र पर ही, इस पर समुचित कार्यवाही हुई थी और सोसाइटी में प्रशासक बैठा दिया है और जो सभी संचालक मंडल थे, उसको भंग कर दिया है और उस संचालक मंडल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है, पर जैसा विधायक का कहना है कि हमारे विभाग की ओर से और विस्तृत जांच करा दें, हम इसकी जांच करा लेंगे और उसके बाद जो भी उसमें निष्कर्ष निकलेगा, यदि विभाग की ओर से एफआईआर की जरूरत होगी तो करेंगे, पर यह बात सही है कि वहां पर अनियमितताएं थीं, इसलिये विभाग ने त्वरित कार्यवाही करके संचालक मंडल को हटा दिया है।