बारिश में पेड़ के नीचे खड़े होकर बिजली को न दें आमंत्रण

Post by: Rohit Nage

इटारसी। अप्रैल माह में गर्मी का अहसास को भुलाते हुये छाते, रेनकोट की याद दिलाने वाली बारिश ने सभी निर्धारित कार्यक्रमों पर असर डाला है। अब जबकि गर्मी से बचने की तैयारी की जा रही थी तब ही बारिश अपना ट्रेलर दिखा रही है। इस बारिश के साथ डराने वाली बिजली की चमक और गर्जना कई लोगों में भय उत्पन्न कर रही है। अपने दैनिक कार्यों को करते समय कई बार आम लोग इस बारिश से बचने पेड़ों के नीचे खड़े होकर बचने का प्रयास करते हैं। यह जहां कुछ देर तक भीगने से तो बचा सकता है, लेकिन आसमानी बिजली को आपकी ओर आमंत्रित भी कर सकता है।

इस बारे में सतर्क करने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बिजली से बचाव के लिये जागरूक कर रही हैं। बादल गरजे, बिजली चमके, नहीं खड़े होना पेड़ के पास, बात यह खास रखना है याद, इस तरह का गीतमय संदेश देकर सारिका द्वारा आपदा प्रबंधन के बारे में सतर्क किया जा रहा है। सारिका ने बताया कि बरसात के इन दिनों में आकाशीय बिजली के गिरने से नुकसान की खबरें आती रहती हैं। पेड़ के नीचे खड़े रहने वाले अक्सर इसके शिकार होते हैं। चूंकि बिजली किसी सहारे से पृथ्वी तक पहुंचना चाहती है इस कारण बिजली पेड़ों की तरफ आकर्षित होती है। सारिका ने कहा कि बिजली चमकते समय वृक्ष के नीचे न खड़े हों।

किसी मकान में आश्रय ले सकते हैं। अगर बंद वाहन में यात्रा कर रहे हैं तो वाहन के अंदर ही रहें। खुली छत वाले वाहन में यात्रा न करें। बिजली या अन्य धातु के खंभे से दूर रहें। घर में रहते हुये बिजली के उपकरणों से दूर रहें। खिड़कियां एवं दरवाजे बंद रखें। घर की पाइप लाइन अगर धातु की है, तो नल आदि से दूर रहें। मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुये बाहर निकलने का निर्णय लें।

क्या है आकाशीय बिजली

सारिका ने बताया कि बिजली कड़कना प्राकृतिक है। बादलों के अंदर गर्म हवा की गति से धन आवेश ऊपर की ओर तथा नीचे ठंडी हवा होने से ऋण आवेश रहता है। जब इस आवेश की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसके पृथ्वी पर गिरने की आशंका बढ़ जाती है। वह किसी सुचालक की तलाश करके पृथ्वी तक आना चाहती है और यह काम पेड़ या खंभे करते हैं। इसके नीचे खड़ा व्यक्ति पानी से तो कुछ देर बच सकता है, लेकिन बिजली गिरने की दुर्घटना की सभावना बढ़ जाती है।

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