उज्जैन, 30 अक्टूबर (हि.स.)। गुरूवार को रूपचतुर्दशी और दीपावली पर्व महाकाल मंदिर में एक साथ मनाया जाएगा। बाबा महाकाल को पुजारी परिवार की महिलाएं रूप चतुर्दशी पर्व के चलते उबटन लगाएंगी वहीं बाबा का आकर्षक श्रूंगार किया जाएगा। नए वस्त्र-आभूषण धारण करवाए जाएंगे। इसके बाद कपूर आरती होगी और बाबा को दीपावली पर्व का अन्नकूट भोग लगाया जाएगा। रूप चतुर्दशी से भगवान को गर्म जल से स्नान करवाना प्रारंभ कर दिया जाता है। यह क्रम आगामी ग्रीष्म ऋतु से पूर्व तक चलेगा। गुरूवार शाम को दीप पर्व मनाते हुए कोटितीर्थ परिसर में दीप जलाए जाऐंगे। महाकाल के आंगन में दीपावली पर्व को देखते हुए भव्य विद्युत सज्जा की गई है।
इधर शहरवासियों ने भी गुरूवार को महालक्ष्मी पूजन हेतु तैयारियां कर ली है। शहरवासी लक्ष्मीजी के स्वागत में जहां अपने मकान,दुकानों को सजा चुके हैं वहीं घरों में भी तैयारियां पूरी हो चुकी है। शहरवासी शुभ मुहूर्त में गुरूवार को महालक्ष्मी का पूजन करेंगे। इधर शाम ढलते ही शहरभर में आतिशबाजी का दौर शुरू हो जाएगा।
महाकालेश्वर मंदिर में आकर्षक् सज्जा
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा महाकालेश्वर मंदिर,कोटितीर्थ और महाकाल महालोक में आकर्षक साजसज्जा की गई है। विद्युत लडिय़ों से की गई यह सज्जा बरबस ही अपनी ओर खींच रही है।
प्राचीन गजलक्ष्मी मंदिर में होगा दुग्धाभिषेक
दीपावली पर्व के दिन गुरूवार को नईपेठ स्थित प्राचीन गजलक्ष्मी मंदिर में दुग्धाभिेषेक किया जाएगा। प्रात: 7 से 11 बजे तक दुग्धाभिषेक का क्रम जारी रहेगा। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में महालक्ष्मी का पूजन एवं आरती होगी। अपरांह 4 से रात्रि 2 बजे तक अन्नकूट लगाया जाएगा। करीब दो हजार वर्ष पुराने इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा की पूजा राज्य लक्ष्मी के रूप में सम्राट विक्रमादित्य करते थे।
पूजा के मुहूर्त
महालक्ष्मीपूजन के मुहूर्त इस प्रकार है-
- शुभ: शाम 5 से 6.30 बजे तक
- प्रदोष: शाम 5.37 से 7 बजे तक
- अमृत: शाम 5.45 से 7. 15 बजे तक
- चंचल: शाम 7.15 से 8. 45 बजे तक
- वृषभ लग्न: शाम 6. 48 से रात्रि 8. 48 बजे तक