इटारसी। शासकीय प्राथमिक शाला खोकसर, जिला नर्मदापुरम के सहायक शिक्षक सुरेश अतुलकर को जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर अपनी जगह किसी अन्य को शिक्षण कार्य के लिए रखकर स्वयं शाला से लापता रहने का आरोप प्रथम दृष्टया साबित हो गया है।
सहायक शिक्षक अतुलकर के प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने के फलस्वरूप सिविल सेवा आचरण (वर्गीकरण, नियंत्रण, तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर मुख्यालय कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण नर्मदापुरम संभाग नर्मदापुरम किया है। निलंबन के दौरान संबंधित को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। मामले में आगे विस्तृत जांच चलेगी।
जांच प्रभावित न हो, इसके लिए उनको शाला से हटाकर डीईओ आफिस अटैच किया है। उल्लेखनीय है कि सुरेश अतुलकर सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला खोकसर पर अपनी जगह पर प्राइवेट टीचर संगीता सेवरिया को रखने का आरोप है, उक्त शिक्षिका संस्था में अध्यापन कार्य करती हुई पाई गई। सहायक संचालक अमित मांडेकर और बीआरसी नर्मदापुरम श्रीमती सपना गोलानी का संयुक्त जांच दल इस घटना की जांच हेतु गठित किया गया। प्रारंभिक रूप से जांच दल को मौके पर आशीष मेहरा पालक ने मौखिक बयान दिया कि इस 8शाला में केवल 3 शासकीय शिक्षक ही दिखते हैं, और सुश्री सेवरिया भी अध्यापन करने आती हैं, शासकीय सहायक शिक्षक अतुलकर कभी कभार ही स्कूल आते हैं और केवल हस्ताक्षर कर स्कूल से प्रस्थान कर जाते हैं।
एक अन्य पालक राजेन्द्र सेवरिया की बेटी पलक कक्षा 3 में पढ़ती है। उन्होंने भी यही कहा तथा बच्ची पलक से सामने रखी शिक्षकों की उपस्थिति पंजी में माध्यमिक शब्द का पहला अक्षर पढऩे को कहा गया, 2024 के अंक पढऩे को कहा गया तो वह यह भी नहीं बता पाई। स्कूल में कार्यरत शासकीय शिक्षकों ने भी जांच दल को मौखिक बयान दिए कि अतुलकर हस्ताक्षर कर संकुल चले जाते हैं। बच्चों में उचित शैक्षणिक गुणवत्ता नहीं पाया जाना और अतुलकर के उक्त अन्य कृत्य म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के विरूद्ध होकर कदाचरण की श्रेणी के अंतर्गत आते है, तथा प्रदेश स्तर पर अतुलकर के इस कृत्य से विभाग की छवि भी धूमिल हुई है।