पानी को को तरसे खेत, किसानों का पैसा जमीन में दफन

Post by: Rohit Nage

Farms yearn for water, farmers' money buried in the ground
  • – बारधा उद्वहन सिंचाई योजना बंद, सीएम से भी मिलेंगे किसान
  • – जलसंसाधन मंत्री से मिलकर बताएंगे योजना की जमीनी हकीकत

इटारसी। केसला ब्लॉक से लगभग 20 किमीटर दूर ग्राम बारधा रैयत के आदिवासी किसान अपने खेतों में पानी के पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व इन किसानों को इस योजना से पानी मिला, लेकिन इस वर्ष फिर जल संसाधन विभाग ने बजट का रोना रोकर किसानों को पानी नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि खेत पानी को तरह से हैं और जिन्होंने पानी की आस में बोवनी कर दी, उनका पैसा सूखी जमीन में दफन हो गया है।

इन किसानों को बारधा उद्वाहन लघु सिंचाई परियोजना के तहत लिफ्ट एवं 75-75 हार्सपॉवर के तीन मोटर जनरेटर से पानी नहीं मिल रहा है, इस साल बजट नहीं होने से जनरेटर नहीं चल पा रहा है। इस वजह से किसानों को रबी फसल के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। किसान श्रीराम यादव का कहना है कि गांव की करीब सौ हेक्टेयर भूमि पानी के इंतजार में है, कई किसान खेतों में बीज डाल चुके हैं, कुछ पानी के इंतजार में हैं। जिन्होंने बीज डाल दिया, उनका पैसा मानों जमीन में ही दफन हो गया है, क्योंकि विभागीय अधिकारी बजट नहीं होने की बात कह रहे हैं।

सौ से अधिक किसानों की आस टूट रही

बारधा उद्वहन लघु सिंचाई परियोजना से लिफ्ट के जरिए मोटरों से गांव बारधा समेत आसपास के गांवों के लगभग 100 से अधिक किसानों की सौ हेक्टेयर फसल सिंचित होती थी। सिंचाई विभाग के अधिकारी इस परियोजना को बिजली कनेक्शन न होने से जनरेटर से चला रहे थे। विभाग कुछ दूर पाइप लाइन बिछाकर नहर में पानी छोड़ता है। जहां से किसानों के खेतों में पानी पहुंचाया जाता है। किसान गोकुल कुरकांजी कहना है कि बारधा रैयत में लगभग 100 किसान खेती करते हैं, जिनका रकबा लगभग 100 हेक्टर है। किसानों ने महंगे बीज- खाद लिए हैं। अगर नहर से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला तो किसानों के परेशानी हो जाएगी।

जेनरेटर के लिए डीजल की व्यवस्था करे विभाग

किसान संजू ने कहा कि पानी नहीं होने से गेहूं, चना और सरसों की फसल खत्म हो जाएगी। किसानों को इस नुकसान से बचाने के लिए प्रशासन बारधा सिंचाई परियोजना के जनरेटर के लिए डीजल की व्यवस्था करें, ताकि 100 से अधिक किसानों को पानी मिल सकें।

शिवराज को याद कर रहे किसान

किसानों का कहना है कि शिवराज सिंह के राज में पानी मिला है, इस वर्ष किसानों को पानी मिलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में किसानो को अब जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने के अलावा कोई चारा नहीं है, जल्द ही किसान भोपाल जाकर विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर योजना की जमीनी सच्चाई से अवगत कराएंगे।

इनका कहना है…

हमने अपने यहां से सारी कार्यवाही करके अनुमति के लिए उच्च स्तर पर भेज दिया है, अभी तक अनुमति नहीं आयी है। यदि अनुमति आयी तो पानी मिल जाएगा, हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द पानी मिल जाए।

अंकित सराफ, ईई जल संसाधन

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