शोभापुर-बगडोना में शुरू हुआ भरत का सट्टा

पुलिस प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं
प्रमोद गुप्ता
पाथाखेड़ा। बगडोना निवासी भरत ने एक बार फिर सट्टे का काम शुरू कर दिया और यह काम पिछले 10 दिनों से संचालित हो रहा है। इसकी जानकारी थाना प्रभारी, एसडीओपी को होने के बाद भी सट्टे के अवैध व्यापार पर किसी तरह का रोक नहीं है। बताया जा रहा है कि शोभापुर में लगभग 2 दर्जन से अधिक स्थानों पर किराने की दुकान की तरह दो से चार लड़के बिठाकर दिन के उजाले सट्टे का कारोबार संचालित कर रहे हैं। दुखद पहलू यह है कि बीट प्रभारी को इसकी जानकारी होने के बाद भी वह उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी नहीं दे रह हैं।
नहीं होती कार्रवाइ, बढ़े हौसले
नगर पालिका क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक लोग अवैध सट्टे के कारोबार से जुड़े हंै जिसमें लगभग 40 से अधिक स्थानों पर सट्टा काटने का कारोबार किया जा रहा है। इसकी जानकारी स्थानीय और जिले के आला अधिकारियों को होने के बाद कार्रवाई ना करना कई तरह के सवालों को जन्मदिन दे रहा है। पाथाखेड़ा चौकी में सदस्य कई आरक्षकों की मानें तो क्षेत्र में चल रहे अवैध सट्टे के कारोबार में स्थानीय स्तर से लेकर जिले इ के आला अधिकारियों की जानकारी है। इसके बावजूद कार्यवाही ना करना मौन स्वीकृति की ओर इशारा कर रहा है। छोटे कर्मचारी चाहते हैं कि इस तरह का कारोबार संचालित ना हो लेकिन वह भी मजबूर हैं।
मांडवा गांव है बगडोना
फिल्म अग्निपथ में जिस तरह मांडवा गांव का दर्शाया था, ठीक उसी तरह का दृश्य बगडोना बस्ती में शाम 4 बजे ही पूरा गांव बार के रूप में परिवर्तित हो जाता है। यहां पर इंग्लिश, कच्ची शराब के अलावा अवैध सट्टे का कारोबार भी संचालित होता है। इसकी जानकारी पुलिस को होने के बाद भी पुलिस इस गांव में घुसने की हिम्मत नहीं उठा पाती है। बताया जाता है कि जिस भी पुलिस ने इस गांव में घुसने की कोशिश की उसे मुंह की खानी पड़ी है। इस वजह से जिले की कोई भी पुलिस बगडोना बस्ती में घुसने से पहले कई बार सोचती है। इसी वजह से यह गांव मांडवा में तब्दील हो गया इस गांव में शाम 4 बजे के बाद मैं अवैध कारोबार देर रात तक संचालित होता है।

 

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