इटारसी। भारत में 27 जुलाई को एक सदी का सबसे लंबा और पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इसके तांबे और कुछ लाल रंग के कारण इस चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक ने ब्लड मून का नाम दिया है। इस चंद्र ग्रहण की अवधि एक घंटे और 43 मिनट की होगी। इस दौरान चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा। इसका नजारा भारत, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और पश्चिम एशिया में देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों ने इस बारे में कहा कि ये चंद्र ग्रहण ब्रिटेन के समय के अनुसार 9.22 मिनट पर तेजी से चमकेगा।
खुली आंखों से देख सकेंगे
चंद्र ग्रहण होने के बावजूद इस बार चांद काला नहीं बल्कि, तांबे के रंग जैसा नारंगी या गहरा लाल दिखाई देगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूर्य और चांद के बीच में पृथ्वी आ जाती है, जिस वजह से चांद पर पूरा प्रकाश नहीं पहुंच पाता है। सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण देखने के लिए किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होती है। चंद्र ग्रहण का नजारा खुली आंखों से देखा जा सकता है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। जबकि, सूर्य ग्रहण के दौरान सोलर रेडिएशन से आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते है।
ये होता है ब्लड मून
पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूरज और चांद के बीच पृथ्वी आ जाती है। इससे चांद पर पूरी रोशनी नहीं पड़ पाती है। ऐसे में वायुमंडल से होते हुए कुछ रोशनी चांद पर पड़ती है। सूर्य की रोशनी चांद पर पडऩे से वह हल्का लाल हो जाता है। जब चांद पृथ्वी के ठीक पीछे पहुंचता है तो उसका रंग और गहरा हो जाता है।