अपडेट : बारिश में विरोध के बीच केसला में तोड़ा निर्माण
केसला। (रीतेश राठौर) लगातार बारिश के दौर में केसला में नेशनल हाईवे किनारे से मकान और अन्य निर्माण तोडऩे की कार्रवाई से स्थानीय निवासियों ने रोष जताया है। गुरुवार को सुबह एसडीएम, तहसीलदार सहित राजस्व का अमला पुलिस के साथ केसला बाजार में कार्रवाई करने पहुंचा तो लोग नाराज हो गये। कुछ ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर जताया है तो वहीं अधिकारियों का कहना रहा कि यह जगह अधिग्रहण कर ली है, लंबे समय से खुद ही सामान हटाने को कहा था। अब चूंकि फोरलेन का काम प्रारंभ हो रहा है, तो यह हटाना आवश्यक हो गया है।
एसडीएम सतीश राय, नायब तहसीलदार ऋतु भार्गव, थानेदार अशोक बरवड़े के साथ प्रशासनिक अमला जेसीबी लेकर केसला पहुंचा और रोड की सीमा में आ रहे निर्माण जिसमें मकान और दुकानें हैं हटाने की कार्रवाई प्रारंभ की। लोगों की नाराजी को दरकिनार करते हुए अमले ने कुछ स्थानों से जेसीबी से निर्माण हटाना प्रारंभ किया। हालांकि विरोध को देखते हुए प्रशासनिक अमले ने और चार दिन का समय देकर वापसी कर ली है। केसला निवासी मंजू राठौर ने कहा कि हम तो खुद हटाने का समय मांग रहे थे। लेकिन, उन्होंने एक न सुनी। हमारी दुकान का सामान बर्बाद कर दिया। हम अपनी लेबर बुलाकर खुद अतिक्रमण तोडऩे का कह रहे थे, जिसे अधिकारियों ने नकार दिया और हमारा पूरा सामान बर्बाद कर दिया।
तीखा विरोध जताया
बारिश में यहां के निवासियों ने इस कार्रवाई का तीखा विरोध जताया है। ग्राम के अमितेश मालवीय, दिनेश आदि का कहना है कि उनको राशि नहीं मिली है, केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है। गांव के लोग रोड किनारे बने मंदिर को भी बचाना चाहते हैं। हालांकि ठेकेदार ने उनको एकमुश्त राशि देकर मंदिर को अन्यत्र शिफ्ट करने का भी प्रस्ताव दिया था। लेकिन, ग्रामीणों ने पैसे नहीं झेले। हालांकि मंदिर ठेकेदार से ही बनवाने को कहा है।
इनका कहना है…
इस जगह का शासन ने अधिग्रहण कर लिया है। यहां काबिज लोगों को स्वयं अपना सामाना आदि हटाने को पहले ही कह दिया था। लेकिन लोगों ने दुकानों या मकानों में थोड़ा सामान रखकर इसे हटाया नहीं तो आज हम हटाने पहुंचे थे। लेकिन, लोगों की मांग पर चार दिन का वक्त दिया है, ताकि वे स्वयं हटा सकें।
सतीश राय, एसडीएम