ये भी हैं श्रीराम मंदिर (Shri Ram mandir) की नींव के पत्थर

ये भी हैं श्रीराम मंदिर (Shri Ram mandir) की नींव के पत्थर

इटारसी। कोई इमारत तो बुलंद बन जाती है, लेकिन, उसकी नींव के पत्थरों की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। नींव ही बुलंद हो तो इमारत भी उतनी ही बुलंद होगी। हम बात कर रहे हैं, आज दुनिया के सबसे बड़े और ऐतिहासिक क्षण की, जो अब से कुछ घंटों में अयोध्या में आने वाला है। जी हां! राम मंदिर का भूमिपूजन (Ram mandir ka bhumipujan)। इसकी नींव जब डाली जा रही थी तो इस ईंट और रस्सी के शहर का भी बड़ा योगदान रहा है।
विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (MLA Dr.Sitasaran Sharma) के नेतृत्व में शहर के अनेक युवा और अन्य रामभक्त अयोध्या (Ayodhya) पहुंचे थे, जब विवादास्पद ढांचा ढहाया गया था, वही इसकी नींव थी। विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने बताया कि अयोध्या राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में पुरानी इटारसी से जयप्रकाश पटेल (Jay prakash Patel) (करिया पटेल), उमाशंकर चौधरी (Uma Shankar chodhri), बजरंग व्यामशाला संचालन बबन चौधरी (Baban chodhri), एडवोकेट स्वर्गीय मुकेश चौधरी (Mukesh Chodhri), राम शंकर मेहतो (Ramshankar Mehto)भी आंदोलन में पहुंचे थे और संत तेरा भाई त्यागी आश्रम में रुक कर मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने बताया कि भगवान श्री राम (Bhagwan SriRam) की कृपा से मुझे भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ 2 बार मंदिर आंदोलन में जाने का अवसर मिला (26 अक्टूबर 1990 से 7 नवम्बर 90, (7 दिन की जेल यात्रा) और 6 दिसंबर 1992)।
इस आंदोलन में जो कार्यकर्ता साथ गये उनके प्रति आभार और उन्हें बधाई भी। सेतुबंध की गिलहरी के समान ही हमारा योगदान है जिसे प्रभु ने स्वीकार किया और हमारे जीवनकाल में ही हमें 5 अगस्त 2020 को मंदिर निर्माण के शुभारंभ को देखने का अवसर मिल रहा है। निश्चित ही हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी (Narendra Bhai Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के प्रति भी आभार जिन्हें भगवान श्री राम ने इस हेतु निमित्त माना। उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) के प्रति भी आभार जो इस पावन कार्य को भव्य रूप दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जो कार्यकर्ता साथ गये थे उनमें अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur), जयप्रकाश पटेल (Jayprakash Patel), मिलिंद (Milind), अशोक लाटा (Ashok Lata), शिवकिशोर रावत (Shivkishor Rawat), विनोद तिवारी (Vinod Tiwari), लक्ष्मी नारायण देवहरे(Laxminarayan Devhare) , विनोद पांडे (Vinod Pandey) , चंद्रशेखर सराठे (Chandra shekhar Sarathe), जगदीश ठाकुर (Jagdish Thakur), यामलचंद्रजी (Yamalchandra Jain), दयालसिंह(Dayal singh), शंकर भदौरिया (Shankar Bhadoriya), संदीप चंद्रवंशी (Sandeep Chandravansi), गोकुल प्रसाद बाथरी (Gokul Prasad Bathri), कन्हैयालाल रैकवार(Kanhaiya Lal Raikwar), विजय मेहरा (Vijay Mehra), कुबेर सोनी (Kuber Soni), मदन लाल पटेल (Madanlal Patel), मंगल बाबा (Mangal baba), स्व अशोक रावत (Asok Rawat), स्व वीरेंद्र शर्मा (Virendra sharma), स्व. गुलाब सिंह ठाकुर (Gulab singh Thakur), स्व कमल बडग़ूजर (Kamal Badgujar), स्व वीरेंद्र श्रीवास (Virendra Shriwas), स्व महेश गिरी(Mahesh Giri) , स्व शिवराम इंगोले (Shivram Ingole)। होशंगाबाद से पूर्व विधायक मेरे अग्रज गिरिजाशंकर शर्मा (Girijashankar Sharma), तत्कालीन विधायक मधकरराव हर्णे (Madhukar rao Harne) मधु दादा, विधायक प्रेमशंकर वर्मा (Premshankar Varma), स्व विपिन गुप्ता (Vipin Gupta), हंस राय (Hansrai) भी आंदोलन में शामिल हुए। ये सभी 2 नवंबर को कारसेवकों पर गोली चालन के प्रत्यक्षदर्शी हैं। कोठारी बंधुओं और सभी दिवंगत कार सेवकों को श्रद्धा पूर्वक नमन।

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AUTHORRohit

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