किसानों से धोखाधड़ी का मामला : बैंक कैशियर ( Cashier, ICICI BANK)की जमानत निरस्त

Post by: Manju Thakur

इटारसी। किसानों से धोखाधड़ी के मामले में आरोपी बैंक कैशियर की जमानत आज न्यायालय ने निरस्त कर दी है। मामला आईसीआईसीआई बैंक की तीखा शाखा (ICICI BANK TIKHAD BRANCH) का है।12 जुलाई 2020 को फरियादी शशि किशोर शर्मा ने थाना पथरौटा, इटारसी (PATHROTA THANA) में लिखित आवेदन दिया था, जिसके अनुसार उसने ICICI बैंक की तीखड़ शाखा में KCC(किसान क्रेडिट कार्ड) के अंर्तगत खाता खोला गया था और 03 जून 2020 को NOCप्राप्त कर उक्त खाते को उसने बन्द करवा दिया था। 20 जून 2020 को उक्त बैंक की मुख्य शाखा इंदौर से उसके फोन पर जानकारी दी गयी कि 17 जून 2020 को उसके उक्त खाते के शाखा प्रबंधक कुलदीप सिंह यदुवंशी (KULDEEP SINGH YADUWANSHI,Branch manager) व कैशियर सूरज सिंह राजपूत (SURAJ SINGH RAJPUT, Cashier)द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करके KCC के अंतर्गत 8 लाख 55 हजार रू. का लोन लिया गया है। फरियादी ने लोन के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया था और ना ही उक्त राशि का लोन उसने ने प्राप्त किया। उक्त बैंक के अन्य खातेदारों के विभिन्न खातों से भी बैंक मैनेजर द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करके राशि निकाली गयी है। बैंक मैनेजर द्वारा 16731260 रू. की राशि का गबन करने की जानकारी प्राप्त हुई। जांच के दौरान बैंक द्वारा जानकारी दी गयी कि अभी तक कुल 3 करोड़ 8 लाख 20 हज़ार का गबन हुआ है।
पुलिस द्वारा धारा 409,420 भादवि के अंतर्गत बैंक मैनेजर कुलदीप सिंह यदुवंशी (KULDEEP SINGH YADUWANSHI,Branch manager) आदि के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया। कुलदीप सिंह के फरार होने के कारण पुलिस द्वारा अन्य आरोपी सूरज राजपूत के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। आरोपी सूरजसिंह ने द्वितीय अपर सत्र न्यायालय इटारसी न्यायाधीश सुश्री सविता जड़िया के समक्ष ज़मानत याचिका लगायी गयी। न्यायालय द्वारा बैंक के इंटरनल ऑडिट टीम द्वारा शाखा के समस्त दस्तावेजो ओर रिकॉर्डो की जांच में खातेदारों के खाते में की गड़बड़ियों को गंभीर मानतें हुए व्यक्त किया कि फर्जी तरीके से खातेदारों के खाते से अभियुक्त द्वारा फर्जी तरीके से धन आहरण करने के कारण बैंक को आर्थिक नुकसान हुआ और खातों में जमा लोकधन को भी नुकसान पहुंचाया गया।
पुलिस द्वारा प्रकरण को विवेचना में लिया गया। प्रकरण में शासन की ओर से अति. जिला अभियोजन अधिकारी एचएस यादव, इटारसी ने आरोपी की ज़मानत का मौखिक विरोध किया एवं न्यायालय ने शासन द्वारा प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर ज़मानत आवेदन निरस्त किया गया।

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