इटारसी। नगर के द्वितीय अपर सत्र न्यायालय ने पांच आरोपियों की अवैध रूप से बैलों को रस्सी से बांधकर मारते हुए किसी अन्य प्रयोजन के लिए ले जाने वाले आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 11 फरवरी 21 को थाना पथरोटा में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि 10 फरवरी 21 को गौ रक्षा प्रमुख संदीप रघुवंशी ने 12 से 13 बजे के लगभग फोन करके बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (Ordinance factory) के पास नानूपूरा गांव के आगे वन विभाग के जंगल क्षेत्र के रास्ते कुछ लोग बैलों को रस्सी से 2 जोड़ी में बांधकर मारते हुए अवैध रूप से ले जा रहे हैं। करीब 28 जानवर थे। आरोपियों से जानवरों की खरीदी का बिल पूछे जाने पर बताया नहीं गया। फरियादी की रिपोर्ट पर से पांचों आरोपी के विरुद्ध मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 4 एवं 6 तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपी आशीष मीणा निवासी कोठारिया तहसील बाबई, कमलेश बटके, शनि राम सल्लाम, मनोहर लाल सल्लाम, रामेश्वर सल्लाम चारों निवासी ग्राम देशाबाड़ी तहसील शाहपुर जिला बैतूल मध्य प्रदेश के निवासी हैं। इन सभी आरोपियों की जमानत याचिका द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सुश्री सविता जडिय़ा ने इस आधार पर निरस्त की है और अपने जमानत आवेदन के निराकरण आदेश में लिखा है कि आरोपी गणों के द्वारा ले जाए जा रहे 28 जानवरों को अपराध कारित करने के उद्देश्य से रस्सी से बांधकर आमानवीय ढंग से ले जाया जा रहा था। उनके कब्जे से असामान्य परिस्थितियों में जानवरों को बरामद किया है, यह गंभीर अपराध है, इसलिए इस अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। मध्यप्रदेश राज्य की ओर से जमानत याचिका में पैरवी वरिष्ठ लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने की।
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अवैध रूप से गोवंश को ले जाने वाले 5 आरोपियों की जमानत निरस्त

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