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होशंगाबाद जिले में पत्रकारिता : डेढ़ सौ साल में आए कई उतार चढ़ाव

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मिलिन्द भाई (Milind Bhai) :
व्यापार में कर्ज न चुका पाने के कारण जेल भेजे गये और वहां से ब्रिटिश सरकार की करतूतों की पोल खोलने के इरादे से आयरिश नागरिक जेम्स आगस्टस हिकी जो मूलत: चिकित्सक थे और व्यापार करने के उद्देश्य से हिन्दुस्तान आये थे। उन्होंने 29 जनवरी 1780 को पहला समाचार पत्र ‘बंगाल गजट’ प्रारंभ किया। अंग्रेजी सत्ता ने उन पर मानहानि का आरोप लगा कर उन्हें जेल में बंद कर दिया और अपना पक्ष रखने के लिए 1782 में ‘इंडिया गजट’ समाचार पत्र प्रारंभ किया। पहले समाचार पत्र के संबध में एंड्रयू ओटिस ने ‘हिकीज बंगाल गजट: द अनटोल्ड स्टोरी आफ इंडियाज फर्स्ट न्यूजपेपर’ में उस समय की परिस्थितियों का वर्णन किया गया है।

bangal gazette

जिले का पहला निजी स्वामित्व का समाचार पत्र 1873 में ‘जबलपुर समाचार’ नाम से पहले होशंगाबाद से और बाद में जबलपुर से प्रकाशित हुआ। यह समाचार पत्र दो वर्ष तक ही प्रकाशित हो सका। इसके पहले सरकारी ‘सेन्ट्रल प्रॉविन्स न्यूज’ भी प्रकाशित किया गया था। (कोलोनियल एडमिस्ट्रेशन एंड सोशल डेव्लपमेंट इन मिडिल इंडिया द सेन्ट्रल प्राविंस 1861-1921 लेखक फिलिप फ्रेड्रिक मेकएल्डाउनी) जबकि होशंगाबाद जिले के गजेटियर में एडमिनिस्ट्रिेशन रिपोर्ट आफ दि सेन्ट्रल प्राविन्सेस के हवाले से कहा गया ‘ 1872-73 में होशंगाबाद जिले में पत्रकारिता का श्रीगणेश हुआ। जिले में एक आंग्ल देशी भाषा साप्ताहिक (नामोल्लेख नहीं) के प्रकाशित होने का उल्लेख है। इसके ठीक एक दशक पश्चात 1882-83 में हरदा से प्रकाशित होने वाले अंग्रेजी-मराठी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘न्याय सुधा’ का उल्लेख मिलता है।

मध्य प्रदेश का पहला साप्ताहिक समाचार पत्र 6 मार्च 1849 को इंदौर से हिन्दी और उर्दू में ‘मालवा अखबार’ शीर्षक से निकाला गया। कालांतर में मराठी में भी प्रकाशित हुआ। यह समाचार पत्र लगभग 31 वर्ष तक प्रकाशित होता रहा। तो मध्य प्रदेश का दैनिक समाचार पत्र 11 जून 1923 को मास्टर बलदेव प्रसाद ने ‘प्रकाश’ का प्रकाशन आरंभ किया। जबलपुर से पहला समाचार पत्र एक मार्च 1873 को ‘जबलपुर समाचार’ के नाम से हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाषित हुआ। चार आने मुल्य का यह समाचार पत्र बनारस के मेडिकल हाल प्रेस में मुद्रित होता था और इसके संपादक कृष्णराव होशंगाबाद में रहते थे। (संदर्भ- मध्यप्रदेश में पत्रकारिता उद्भव और विकास-लेखक विजयदत्त श्रीधर पृष्ठ 43) जबकि ‘जबलपुर समाचार’ के संबध में (संदर्भ- कोलोनियल एडमिस्ट्रेशन एंड सोशल डेव्लपमेंट इन मिडिल इंडिया द सेन्ट्रल प्राविंस 1861-1921 लेखक फिलिप फ्रेड्रिक मेकएल्डाउनी पृष्ठ 166) में उल्लेखित किया है कि यह निजी स्वामित्व का पहला समाचार पत्र था जो पहले होशंगाबाद से प्रकाशित हुआ और बाद में जबलपुर से। 1884 में मोहम्मद अब्दुल करीम औज ने ‘मौज-ए-नरबदा’ का प्रकाशन किया। इसे हम होशंगाबाद जिले का पहला समाचार पत्र कह सकते हैं। जिसकी प्रखर लेखनी ने संपूर्ण जिले में हलचल मचा दी। 1884 में ही गोपाल प्रसाद व्यास ने ‘सत्यवक्ता’ (जिला गजेटियर के अनुसार यह जिले का यह चौथा समाचार पत्र 1892-93 में प्रकाशित हुआ) नामक पत्र का प्रकाशन किया जो एक साल तक प्रकाशित हुआ। 18 फरवरी 1930 को आरंभ होने वाले और 1932 में ब्रिटिश सरकार के दमन के कारण बंद हुए ‘लोकमत’ के चार संस्करण निकलते थे जिनमें एक इटारसी-इंदौर संस्करण भी था। एक आना मूल्य के इस समाचार पत्र का मुद्रण गोकुलदास प्रिटिंग प्रेस से होता था।
1917-18 में सोहागपुर से ‘मित्र मण्डली’ समाचार पत्र प्रकाशित हुआ तो सोहागपुर से ही ‘जिझौतिया सेवक’ भी इसी वर्ष प्रकाशित हुआ। 1948 के आरंभ में इटारसी से साप्ताहिक ‘जन शक्ति’ सुकुमार पगारे के संपादन में प्रकाशन प्रारंभ हुआ। 5 रूपये वार्षिक मूल्य के और प्रति सोमवार प्रकाशित होने वाले राष्ट्रवादी और समाजवादी विचारों को प्रखरता से फैलाने वाला यह समाचार पत्र 1955 तक चला। 1953 में इटारसी से रामसहाय अग्रवाल ने ‘चिंगारी’ का प्रकाशन किया।
भोपाल रिसायत के भारत संघ में विलीनीकरण के घोषित उद्देश्य के साथ एवं ‘रिसायत भोपाल में जन राज्य’ के ध्येय वाक्य के साथ संपादक रतनकुमार द्वारा निकले अखबार ‘नई राह’ का प्रकाशन 5 मई 1948 से आरंभ हुआ। ‘नई राह’ की प्रखरता के कारण यह लोकप्रिय तो बन गया परंतु दबाव में यह भोपाल में न छप सका। इसे पहले युगान्तर प्रेस खण्डवा से फिर राष्ट्रीय प्रेस इटारसी (महादेव पगारे एवं सुकुमार पगारे की) से मुद्रित हुआ। भोपाल में मास्टर लालसिंह द्वारा गठित ‘भोपाल राज्य किसान संघ’ द्वारा साप्ताहिक ‘किसान’ का प्रकाशन हुआ। रतनकुमार द्वारा संपादित किये जा रहे इस साप्ताहिक का मुद्रण महाकाल प्रिंटिंग प्रेस इटारसी में होता था। (संदर्भ-मध्यप्रदेश में पत्रकारिता उद्भव और विकास- लेखक विजयदत्त श्रीधर) महाकाल प्रेस के संबंध में प्रमोद पगारे का कहना है कि इस नाम की कोई प्रेस नहीं थी, महाकौशल प्रेस इटारसी में संचालित थी।
1946 में इटारसी से ‘हमारा निशाना’ (शीतलप्रसाद मिश्रा) प्रकाशित हुआ जो बंद होने के बाद 1965 में पुन: प्रकाशित हुई । 1950 के दशक में इटारसी से ‘पोस्टमेन’ (शीतलप्रसाद मिश्रा द्वारा आल इंडिया पोस्टमेन यूनियन के जनरल सेकेट्री की हैसियत से) का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। 1959 में ईसाई धर्म के प्रचार के लिए ‘सत्यदूत’ का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। इटारसी से अन्य प्रकाशित/पंजीकृत समाचार पत्रों में ‘नगरकथा'(जम्मूसिंह उप्पल), ‘क्षणिक आघात’ (प्रमोद पगारे), जयस्तंभ (चन्द्रकांत अग्रवाल), ‘युवा प्रवर्तक'(देवेन्द्र कुमार सोनी) ‘साप्ताहिक अभय प्रवाह'(महेश आर्य) ‘आखरी आघात'( संजय मालवीय), ‘साप्ताहिक प्रदेश सम्राट'(बीएल श्रीवास्तव),’साप्ताहिक अमर रत्न'(महेश मालवीय), ‘नया पैगाम’ (पूरनलाल तिवारी), ‘क्रांतिदूत’ (अशोक चौरसिया)’ इटारसी रिपोर्टरÓ (विष्णुप्रसाद तिवारी), ‘ब्रम्हपिशाच'(सुरेन्द्र तिवारी) ‘चिकमंगलूर चौराहा’ (जसपालसिंह भाटिया पाली) ‘नारद भ्रमण’ (राजेन्द्रसिंह ठाकुर) ‘जादूगर मैडम’ (ज्योतिसिंह ठाकुर) ‘निर्मल टाइम्स’ (अशोक जैन),’मकालू टाइम्स'(अनिल तिवारी) ‘आज का महाराजा’ (राजकुमार उपाध्याय केलू) ,’नगर व्यथा'(गणेश चौधरी), ‘समाधान जनसमालोचना’ (अनिल चौधरी) ‘साप्ताहिक पदमालय’ (कमलेश कुमार तिवारी), ‘सूर्यस्तंभ’ (संदीप खंडेलवाल) है। मासिक समाचार पत्रों में ‘गहरा सच’ (संदीप चिमानिया) एवं  ‘भावना जागृति मेल'(सुरेश कुमार चिचवारे) है। विभिन्न कारणों और परिस्थितियों में प्रारंभ किये गये इन समाचार पत्रों में से कुछ बंद हो चुके हैं, कुछ के अनियमित प्रकाशित हो रहे हैं, तो कुछ प्रतीकात्मक रूप से प्रकाशित हो रहे हंै या विशिष्ट उद्देश्य को लेकर चुनावों के समय प्रकाशित होते हैं। 15 अगस्त 1980 से प्रारंभ हुआ ‘नगरकथा’ होशंगाबाद जिले का ही नहीं प्रदेश के चुनिंदा साप्ताहिक समाचार पत्रों में से एक है जो विगत 40 वर्ष से निरंतर प्रकाशित हो रहा है।
होशंगाबाद के साप्ताहिक समाचार पत्रों में 1998 में ‘क्षितिज किरण’ (1998 में कृष्णकांत सक्सेना) ‘नर्मदा का आव्हान’ (किशोर करैया), ‘साप्ताहिक संडे ब्लास्ट'(संजय उपाध्याय) ‘साप्ताहिक अनंत कीर्ति’ (मनोज सोनी), ‘साप्ताहिक खोजी लहर’ (राजेन्द्र रावत), ‘सतरस्ते का बेताल’ (प्रमोद कुमार) ‘साप्ताहिक अग्रहरि टाइम्स’ (राजीव अग्रवाल), का प्रकाशन किया गया। तो पाक्षिक समाचार पत्रों में ‘प्रभात टाइम्स’ (संतराम निशरेले) एवं ‘आहना टाइम्स'(स्वदेश दुबे एवं उनके भाई द्वारा) है ।
1956 में ‘पिपरिया डंका’ जो एक साल तक ही चल सका। 1959 में संदेश प्रकाशन मण्डल द्वारा प्रकाशित हिन्दी मासिक ‘संदेश’ एक वर्ष तक ही प्रकाशित हो सका। 1967 में पिपरिया से ही ‘हमारी दुनिया’ एवं ‘समानता’ (नारायण मौर्य), प्रकाशित हुए उसके बाद ‘पिपरिया प्रकाश (प्रकाश मंडलोई), साप्ताहिक पिपरिया मशाल (रमेशचन्द साहू) ‘ साप्ताहिक पिपरिया पोस्ट'(कोमलसिंह अखपुरिया) ‘साप्ताहिक पिपरिया की आवाज’ (ओमप्रकाश वर्मा), ‘साप्ताहिक एकल सत्य’ (तालिब खान) का प्रकाशन हुआ। सोहागपुर से ‘यंग एक्सप्रेस’ (अभिलाष सिंह चंदेल),’साप्ताहिक नवलोक समाचार’ (मुकेश अवस्थी), सिवनी मालवा से ‘साप्ताहिक विजय चक्र'(विजय सिंह ठाकुर) थे।
आजकल समाचार पत्रों को डिजिटल स्वरूप में प्रसारित किया जा रहा है इसमें खर्च भी कम आता है। तत्काल समाचार पाठकों तक व्हाटसअप, फेसबुक के अन्य माध्यम से पहुंच जाते है। कोरोना काल में जब समाचार पत्र तक लोगों ने लेना बंद कर दिया था, ऐसे में डिजिटल समाचार पत्रों की पाठक संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई। इसका यह भी असर रहा कि जिले से संबधित अनेक नागरिक जो जिले से बाहर है उन्हें तत्काल जिले की गतिविधियों की जानकारी मिल जाती है। इस क्षेत्र में जिले का पहला डिजिटल समाचार पत्र इटारसी से वर्ष 2002 में सुश्री मंजू ठाकुर ने ‘नर्मदांचल डॉट काम’ के नाम से प्रारंभ किया। इसके बाद देवेन्द्र सोनी ने ‘युवा प्रवर्तक’ प्रारंभ किया। इसके बाद अनेक लोग आ गये। अखबारों की तरह ही होशंगाबाद जिले के ”यू टयूब’ चैनल पृथक-2 उद्देश्यों के साथ प्रारंभ हुए हैं।
यदि हम 1950 को आधार वर्ष मानकर जिले में सक्रिय पुराने पत्रकारों की जानकारी लें तो अनुभव करेंगे कि पहले पृथक से पत्रकार नहीं होते थे जो समाचार अभिकर्ता थे वे ही समाचार भेज दिया करते थे। इटारसी के पहले पत्रकार के रूप में अधिवक्ता शीतलप्रसाद मिश्रा और प्रेमशंकर दुबे माने जाते हैं। प्रेमशंकर दुबे पत्रकार के साथ समाचार अभिकर्ता और हॉकर भी थे। 1980 के पहले इटारसी में सक्रिय पत्रकारों में स्व.शीतलप्रसाद मिश्रा, स्व.जवाहरसिंह पवार, स्व.किशोरीलाल मेहरा, स्व.सतनाम सिंह छाबड़ा, स्व.सुरेन्द्र तिवारी, पूरनलाल तिवारी, देवेन्द्र सोनी, दिनेश थापक, प्रमोद पगारे, जम्मूसिंह उप्पल आते हैं। होशंगाबाद के पहले पत्रकारों में स्व.रामदास गुबरेले, स्व.बाबूलाल शुक्ला, स्व.कल्याणमल जैन (नवभारत), स्व.सौभाग्यमल अत्री (नईदुनिया इंदौर),नीलकांत घोष, स्व. तुलसीदास मूरझानी (पी.टी.आई.,वीर अर्जुन, हिन्दुस्तान समाचार), स्व.रमेश चौकसे पंकज पटैरिया, शंभू सोनकिया माने जा सकते हैं। इसी प्रकार पिपरिया से स्व.नारायण मौर्य, बनखेड़ी से वल्लभदास सातल, सोहागपुर से मो.अयूब, सेमरीहरचंद से रमा दुबे, बाबई से महेन्द्र सिंघई माने जा सकते हैं। 1990 के प्रारंभ के बाद दैनिक समाचार पत्र बढ़े और उनके संवाददाता बढ़े। अनेक ऐसे पत्रकार भी हैं जो होशंगाबाद जिले में जन्मे लेकिन उनकी पत्रकार के रूप में कर्मभूमि जिले से अन्यत्र रही, और वहीं उन्हें प्रसिद्धि भी मिली जिनमें अभी हाल में दिवंगत हुए प्रो. कमल दीक्षित भी हैं।
यदि सम्मान की बात करें तो होशंगाबाद जिले के पत्रकारों में सिर्फ प्रमोद पगारे को ही जून 1991 में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता का राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ है, पंकज पटैरिया, होशंगाबाद (1978) एवं प्रवीण तिवारी, इटारसी (1982) को माखनलाल चतुर्वेदी आंचलिक पत्रकारिता पुरस्कार दिया जा चुका है। इटारसी के ही स्व. पंकज शुक्ला (नईदुनिया) को भी राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ। माखनलाल चतुर्वेदी, भवानीप्रसाद मिश्र, हरिशंकर परसाई, विपिन जोशी सहित अनेक साहित्यकारों की जन्मस्थली और कर्मभूमि रहे नर्मदांचल में 1909 में होशंगाबाद से दो पत्रिकाओं क्रमश: ‘ज्योति प्रभा’ और ‘हिन्दी बाल सुधा’ का प्रकाशन आरंभ हुआ। अल्पकालीन रही इन दोनों पत्रिकाओं ‘ज्योति प्रभा’ का प्रकाशन ज्योतिप्रकाश ने किया था  और ‘हिन्दी बाल सुधा’ मुकंदराव शोले ने निकाली थी। (संदर्भ-मध्यप्रदेश में पत्रकारिता उद्भव और विकास- लेखक विजयदत्त श्रीधर) आजादी के बाद होशंगाबाद जिले से निकलने वाली पत्रिकाओं की बात करें तो पिपरिया से नियमित निकलने वाली ‘आकंठ’ अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रिका थी जिसका प्रकाशन संपादक श्री हरिशंकर अग्रवाल के निधन के उपरांत बंद हो गया। इटारसी से दिनेश द्विवेदी ने पहले ‘पुनश्च:Ó और बाद में ‘शिनाख्त’ प्रकाशित की। देवेन्द्र सोनी ने ‘मानसरोवर’, विनोद कुशवाहा ने ‘अनाहत’ अखिलेश शुक्ला ने ‘कथाचक्रÓ प्रकाशित की। मनोहर पटैरिया ‘मधुर’ ने ‘पल्लव’ का प्रकाशन किया। 1978 में ‘स्वर्ण विहार’ का प्रकाशन पहले देवेन्द्र सोनी ने और बाद में कल्पना सक्सेना ने किया। नर्मदा प्रेम को समर्पित डॅा. धर्मेन्द्र प्रसाद ने ‘नर्मदांचल’ प्रकाशित की लेकिन वह भी उनकी मृत्यु उपरांत बंद हो गयी। पंकज पटैरिया के संपादन में ‘शब्दशक्ति’ (1975) में प्रकाशित हुई। हरिहर व्यास द्वारा ज्योतिष एवं आध्यात्मिक विषय पर ‘सूर्याभा’ का प्रकाशन किया गया, तो ‘मेकला’ का प्रकाशन विशाल महाजन ने किया। ‘ग्राम्य गंगा’ का प्रकाशन गजेन्द्रसिंह परिहार ने किया। जिला साक्षरता समिति द्वारा कलेक्टर के प्रधान संपादन और पंकज पटैरिया के संपादक रहते ‘ढाई आखर’ प्रकाशित की गयी। वर्तमान में होशंगाबाद से पंकज पटेरिया की ‘शब्द ध्वज’ का नियमित और विनोद कुशवाहा की ‘अनाहत’ अनियमित रूप से प्रकाशित होती है।

milind

मिलिन्द भाई (Milind Bhai)
महर्षि नगर, इटारसी
9425646588

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1 thought on “होशंगाबाद जिले में पत्रकारिता : डेढ़ सौ साल में आए कई उतार चढ़ाव”

  1. मिलिंद जी का लिखा बहुत उपयोगी लेख है। होशंगाबाद जिले की पत्रकारिता और समाचार पत्र प्रकाशन पर यह लेख सृजन और समाचार लेखन में मील का पत्थर साबित होगा।

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