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ओझा बस्ती (Ojha Basti) की तस्वीर बदलने प्रशासन ने की तैयारी

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अधिकारियों ने देखी बदहाली, फिर से बनाएंगे व्यवस्था

इटारसी। मंगलवार को सुबह प्रशासन ने ओझा बस्ती (Ojha Basti) की मुक्त करायी भूमि पर पुन: बनी झुग्गियां हटा दीं और शाम को उनको वापस समरस्ता नगर जाने का कहा। जब यहां रह रहे लोगों ने वहां व्यवस्थाएं नहीं होने की बात की तो, एसडीएम, सीएमओ सहित नपा के इंजीनियर्स की टीम शाम को समरस्ता नगर पहुंची। एसडीएम ने यहां तमाम व्यवस्थाएं जुटाने के निर्देश नगर पालिका को दिये हैं।

शाम को एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी (SDM Madan Singh Raghuvanshi), सीएमओ हेमेश्वरी पटले (CMO Hemeshwari Patale), सहायक यंत्री मीनाक्षी चौधरी (Assistant engineer meenakshi chaudhary), सब इंजीनियर आदित्य पांडेय (Sub Engineer Aditya Pandey), सोनिका अग्रवाल (Sonika Agrawal) की टीम समरस्ता नगर पहुंची और वहां के लोगों को वापस व्यवस्था बनाकर देने का आश्वासन दिया। यहां के निवासियों का कहना है, कि जो एक रूम बनाकर दिया है, उसमें गुजारा नहीं होता है। नगर पालिका भी वहां कोई व्यवस्था नहीं करती। न वहां पीने के पानी का बंदोवस्त है, ना ही सफाई की व्यवस्था। यहां तक कि समरस्ता नगर बसाते वक्त जो व्यवस्थाएं दीं थी, उनके देखरेख के अभाव में बुरे हाल हो गये, नपा ने कभी उनको दुरुस्त करने की जरूरत नहीं समझी। यही कारण है कि कई परिवार वहां से वापस पुरानी जगह पर पहुंच गये थे। एसडीएम श्री रघुवंशी ने नगर पालिका के अधिकारियों से कहा कि जल्द से जल्द यहां शौचालय, पेयजल की व्यवस्था और सफाई की जाए।

गंदगी से पटी पड़ी थी बस्ती
समरस्ता नगर ओझा बस्ती गंदगी से पटी पड़ी थी, अधिकारी पहुंचे और एसडीएम शौचालय की तरफ जाने लगे तो वहां की महिलाओं ने कहा कि साहब वहां न जाओ, बहुत गंदगी है। एसडीएम ने पूछा कि किसने की? जो जवाब मिला कि हमने ही की है, लेकिन सफाई के लिए यहां पानी तक नहीं है। एक कमरे का मकान है, जिसमें बहू-बेटों और बच्चों के साथ रहना मुश्किल होता है। सबका खाना कमरे से बाहर ही बनता है।

आमने-सामने मकान, ऊपर शेड
बस्ती की बसाहट आमने सामने मकानों की कतार बनाकर की है। दो लाइनों के बीच जो रोड है, उस पर बस्ती के लोगों ने चूल्हे रख लिये हैं। उनका कहना था कि यदि यहां दोनों लाइनों केे ऊपर शेड बन जाए तो इस जगह पर सुरक्षित तरीके से वे उपयोग कर सकत हैं। एसडीएम श्री रघुवंशी ने सीएमओ को कहा कि यहां तीन स्थानों पर शेड बना दिये जाएं ताकि यह स्थान उनके किचिन के तौर पर काम आ सके।

अब तोडफ़ोड़ की तो काम नहीं होंगे
एसडीएम श्री रघुवंशी ने ओझा बस्ती के लोगों से कहा कि अब ये जो व्यवस्थाएं की जा रही हैं, उसे संभालकर रखना, अब यदि यहां तोडफ़ोड़ करके व्यवस्थाएं बिगाडऩे की कोशिश की तो कोई व्यवस्था करके नहीं देंगे। बता दें कि जब बस्ती बसायी थी, यहां सार्वजनिक शौचालय बनाकर दिया था, नलकूप था, अब शौचालय की शीट नहीं हैं, दरवाजे गायब हैं, शौचालय के ऊपर रखी टंकियां तक लापता हो गयी हैं।

बच्चों से भीख मंगाई तो ठीक नहीं
एसडीएम ने ओझा बस्ती के लोगों से कहा कि हम जितनी अच्छी व्यवस्था हो सकती है, करेंगे। बच्चों को स्कूल भेजो, यदि यहां का कोई बच्चा भीख मांगते दिखा तो समझ लेना कि ठीक नहीं होगा। अपनी स्थिति में सुधार लाना है तो बच्चों को पढ़ाने भेजो। बता दें कि यहां के ज्यादातर युवा और महिलाएं नशा करते हैं, और उनके बच्चे दिन भर शहर की सड़कों पर भीख मांगते देखे जा सकते हैं। यहां के परिवारों को मुख्य धारा में लाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता सुमन सिंह पिछले कुछ वर्षों से प्रयास कर रही हैं।

इनका कहना है…
सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का कब्जा हटाया जाएगा। प्रदेश शासन के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है। जहां भी कब्जा है, उनको हटाकर उस स्थान पर शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
एमएस रघुवंशी,(MS Raghuvanshi, SDM)

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