चाकूबाजी में घायल की मौत के बाद परिजनों ने सतरस्ते पर शव रखकर किया प्रदर्शन

Post by: Rohit Nage

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नर्मदापुरम। लगभग एक सप्ताह पूर्व उधारी के पैसे मांगने पर हुई चाकूबाजी की घटना में घायल पिता-पुत्र में से पिता उपचार के दौरान जीवन की जंग हार गया, बेटा भी भोपाल (Bhopal) में भर्ती है। पिता की मौत के बाद परिजनों ने सतरस्ते पर शव रखकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उनके घरों पर बुलडोजर चलाकर घर तोडऩे की मांग की। अधिकारियों की समझाईश के बाद उन्होंने ले जाकर अंतिम संस्कार किया।

उल्लेखनीय है कि यहां के ग्वालटोली (Gwaltoli) में पान मसाले की दुकान पर दो युवकों ने उधारी में सामान लिया था। दुकान संचालक हर्षित राठौर (Harshit Rathore) ने जब पैसे मांगे तो दोनों युवकों ने विवाद किया और फिर चाकू से उस पर हमला कर दिया था। बेटे को बचाने आए पिता संजय राठौर (Sanjay Rathore) पर भी युवकों ने चाकू से हमले किए। दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया था। गंभीर हालत होने पर उन्हें भोपाल में उपचार के लिए भर्ती किया था। चाकूबाजी में घायल पिता ने दम तोड़ दिया है। पिता की मौत के बाद नाराज परिजनों और मोहल्लेवासियों ने उनका सडक़ पर शव रखकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

घटना 4-5 जुलाई की है, जब रात 2 बजे आरोपी सूरज बाथरे (Suraj Bathre) व उसके साथी आनंद (Anand) उर्फ नंदू ने उधारी के रुपए मांगने की बात पर पिता-पुत्र पर चाकू से हमला किया था। फरियादी हर्षित राठौर निवासी ग्वालटोली की घर में ही पान-मसाले की दुकान है। फरियादी रात में भी बीड़ी-सिगरेट, पान खरीदने ग्राहकों को उपलब्ध कराता था। आरोपी सूरज बाथरे और आनंद उर्फ नंदू कभी-कभी उसकी दुकान पर रात को सामान खरीदने जाते थे। दुकान पर उनकी उधारी होती थी। फरियादी ने पहले की उधारी के रुपए मांगा। जो आरोपी सूरज, आनंद को बुरा लगा। गुस्से में आरोपियों ने झगड़ा शुरू किया।

आरोपियों ने अपने पास रखा चाकू निकालकर हर्षित की कमर वाले हिस्से में मार दिया। झगड़े में बचाव करने फरियादी के पिता संजय आए तो उनके सिर में चाकू लग गया। घटना के बाद दोनों आरोपी भाग गए थे। घायल पिता-पुत्र को पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया। संजय राठौर के सिर में चाकू लगने से उनकी हालत नाजुक थी।

तीन दिन पहले ही उन्हें एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। इधर घटना में कोतवाली थाने में हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। पुलिस के डर से आरोपी छुप रहे थे। 7 जुलाई को दोनों ने थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण किया। कोतवाली टीआई सौरभ पांडे (Kotwali TI Saurabh Pandey) ने कहा कि दोनों आरोपियों ने सिरेंडर कर दिया है, और वे जेल भी भेजे जा चुके हैं।

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