होशंगाबाद। आपके घर के छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों का वजन और ऊंचाई लेने 1 सितंबर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम और आषा कार्यकर्ता आएंगे। यह सुपोषण भारत की परिकल्पना के तहत पोषण अभियान के अंतर्गत होगा।
उल्लेखनीय है कि सुपोषित भारत की परिकल्पना को लक्षित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वर्ष 2018 में पोषण अभियान की शुरूआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य जन-आंदोलन और जन भागीदारी से कुपोषण को मिटाना है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष पोषण माह की थीम कुपोषण छोड़ पोषण की ओर-थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर है। प्रदेश स्तर पर इस वर्ष भी पोषण माह के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा।
राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा एवं एएनएम द्वारा गृहभेंट, सर्वे कर 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की ऊंचाई एवं वजन लेने का अभियान चलाया जाएगा। पोषण माह के चार सप्ताह चार अलग-अलग थीम पर निर्धारित किए हैं। 3 से 7 सितंबर तक पोषण वाटिका एवं पौधरोपण थीम के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों, स्कूलों, पंचायत भवन अन्य सार्वजनिक स्थल पर पोषण वाटिका के माध्यम से पौधरोपण, किचन गार्डन तथा संबंधित कैम्पस एवं भवन परिसर में न्यूट्री गार्डन को बढ़ावा देना, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार संबंधी स्लोगन प्रतियोगिता, आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए पोषण वाटिका प्रतियागिता का आयोजन होगा। इसके अलावा केम्प लगाकर स्वच्छता एवं कोविड टीकाकरण के सबंध में दो दिवसीय संवेदीकरण, जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन होगा। दूसरे सप्ताह 8 से 15 सितंबर तक पोषण के लिए योग एवं आयुष का उपयोग थीम के तहत आयुष पद्धति का पोषण के लिये जागरूकता अभियान, गर्भवती महिलाओं, स्कूल के बच्चों एवं किशोरियों के लिए योगाभ्यास, सरकारी एवं व्यवसायिक संस्थानों में पांच मिनट का योगा प्रोटोकाल सत्र, महिलाओं एवं बच्चों के लिए फ्री ऑनलाईन योग कोर्स, गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के लिए आयुष-आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का प्रशिक्षण तथा गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण की रैसिपी प्रतियोगिता का आयोजन होगा।
राष्ट्रीय पोषण माह के तीसरे सप्ताह 16 से 23 सितंबर तक हाई बर्डन जिलों के हितग्राहियों को न्यूट्रीशियन किट एवं आईईसी जागरूकता संबंधी सामग्री का वितरण किया जाएगा। चौथे सप्ताह 24 से 30 सितंबर तक अति गंभीर कुपाषित बच्चों का चिन्हांकन, पोषण भोजन का वितरण, बच्चों के चिन्हांकन के लिए समुदाय का संवेदीकरण, गर्भवती माताओं के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता तथा बच्चों के कुपोषण पर केन्द्रित ई-क्विज प्रतियोगिता होगी।