इटारसी। निजी टेलीकॉम आपरेटर्स (Private Telecom Operators) चाहे कितने भी पैसे बढ़ा ले, लोग बीएसएनएल (BSNL) की तरफ तात्कालिक रूप से तो आकर्षित होंगे, लेकिन बीएसएनएल की कार्यप्रणाली देखकर लगता नहीं है कि उपभोक्ता अधिक दिन इस कंपनी के साथ टिके रह सकेंगे। दरअसल, कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही खत्म ही नहीं होती है। ऐसी ही लापरवाही का खामियाजा तवानगर के निवासियों ने आज रात भोगा है।
तवानगर (Tavanagar) में मध्यप्रदेश टूरिज्म (Madhya Pradesh Tourism) का रिजॉर्ट (Resort), दो जिलों को हरितक्रांति देने वाला तवा बांध (Tawa Dam) है। बांध जैसे संवेदनशील क्षेत्र में बिजली और टेलीफोन जैसी मूलभूत सुविधाए चौक-चौबंद होना अति आवश्यक है। लेकिन, बीएसएनएल के अधिकारी इस ओर से पूरी तरह से लापरवाह बने हुए हैं। तवानगर में बीती रात 12 बजे से सुबह 9 बजे तक कंपनी का नेटवर्क ही नहीं था। भारी बारिश में बांध के हालात और रिपोर्ट देने में यहां के स्टाफ को काफी परेशानी आयी।
कलेक्टर के आदेश का असर नहीं
अभी दो दिन पूर्व ही कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना (Collector Ms. Sonia Meena) ने तवा बांध का निरीक्षण किया था और इस दौरान बीएसएनएल की सेवाओं में हो रही परेशानी से वहां के स्टाफ ने उनको अवगत कराया था, कलेक्टर ने एसडीएम टी प्रतीक राव को निर्देश दिये थे कि कंपनी के अधिकारियों से बातचीत करके यहां की टेलीफोन, नेटवर्क की समस्या का त्वरित समाधान निकाला जाए, लेकिन बीती रात को आयी समस्या के कारण लगता नहीं कि कंपनी के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया हो।