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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए अब्दुल्ला, मुफ्ती, नेहरू-गांधी परिवार जिम्मेदारः अमित शाह

Manju Thakur

पुंछ, 21 सितंबर (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक चुनावी जनसभा में ...

सूरत में कीम स्टेशन के समीप ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश

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– कीम-कोसांबा रेलवे ट्रैक को जोड़ने वाले 71 ताले हटाए गए सूरत/अहमदाबाद, 21 सितंबर (हि.स.)। आज फिर से एक बार ...

डॉ. सत्यव्रत महापात्र स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के टॉप दाे प्रतिशत श्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में

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नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ बेसिक एंड अप्लाइड साइंस के असिस्टेंट ...

झारखंड की सीमा सील करने पर राज्यपाल ने ममता सरकार से मांगी सफाई

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कोलकाता, 21 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से बंगाल-झारखंड सीमा को सील किये जाने पर राज्यपाल डॉ. सीवी ...

24 घंटे बाद खोली गई झारखंड-बंगाल सीमा, भाजपा‌ का ममता पर तीखा हमला

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कोलकाता, 21 सितंबर (हि.स.)। लगभग 24 घंटे तक बंद रहने के बाद झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच अंतरराज्यीय व्यापार ...

झारखंड में इंटरनेट सेवा कल भी सुबह आठ से दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगी निलंबित

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रांची, 21 सितंबर (हि.स.)। झारखंड में झारखंड स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) के मद्देनजर आज सुबह आठ बजे से ...

Security increased in the entire area after the encounter in Reasi

रियासी में मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ी

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जम्मू, 21 सितंबर (हि.स.)। रियासी जिले के शिकारी इलाके में शुक्रवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ ...

हर्बल चिकित्सा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आज से भोपाल में

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हर्बल चिकित्सा प्रणाली- संरक्षण और कार्य योजना पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 21-22 सितंबर को भोपाल में


भोपाल, 21 सितंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आज (शनिवार) से हर्बल चिकित्सा पद्धित पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ हो रहा है। इसका विषय प्री लोकमंथन: गैर-संहिताबद्ध हर्बल चिकित्सा प्रणाली-संरक्षण, प्रचार और कार्ययोजना है। इसका उद्देश्य हर्बल उपचार की मौखिक परंपरा पर प्रकाश डालना और इनको सुरक्षित रखने के तरीकों की चर्चा करना है। इसमें पद्म पुरस्कर विजेताओं सहित विषय विशेषज्ञ हर्बल चिकित्सा के भविष्य पर अपने विचार रखेंगे।

जनसम्पर्क अधिकारी अवनीश सोमकुवर ने बताया कि यह भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), प्रज्ञा प्रवाह, दत्तोपंत थेंगडी अनुसंधान संस्थान, एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा संयुक्त आयोजन है। उन्होंने बताया कि गैर-संहिताबद्ध शब्द इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय है और सामान्यतः यह उन चिकित्सा प्रणालियों से संबंधित है जो उनके संहिताबद्ध पश्चिमी चिकित्सा की तुलना में कम मान्य हैं। विभिन्न चिकित्सा परंपराओं को एक जगह लाकर उनकी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भ को सरल कर संहिताबद्ध किया सकता है। बायोमेडिसिन के प्रभुत्व के बावजूद जो भारी मात्रा में वाणिज्यिकृत और पेशेवर हो गई है। ये गैर-संहिताबद्ध चिकित्सा प्रथाएं सदियों से जीवित हैं, जो विभिन्न वैश्विक समुदायों में सांस्कृतिक धरोहर और व्यावहारिक स्वास्थ्य लाभों के लिए उनकी महत्ता को दर्शाती हैं।

सम्मेलन में प्री-लोकमंथन में कुछ रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी, ताकि हीलर्स के सामने आने वाली चुनौतियों को कम किया जा सके। कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों पर चर्चा होगी, जैसे हर्बल हीलर्स को उनकी योगदान और संसाधनों के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष व्यापार मानकों की स्थापना करनी चाहिए या नहीं।

पद्म पुरस्कार विजेताओं की भागीदारी

सम्मेलन में चार पद्मश्री पुरस्कार विजेता इस चर्चा को विशेष रूप देंगे। इनमें- पद्मश्री यानिंग जामो लेगो (अरुणाचल प्रदेश), पद्मश्री हेमचंद मांझी (छत्तीसगढ़), - पद्मश्री लाइश्रम नबाकिशोर सिंह (मणिपुर) और पद्मश्री लक्ष्मीकुट्टी अम्मा (केरल) शामिल हैं। इनकी भागीदारी पारंपरिक चिकित्सा प्रथाओं की समझ को और बढ़ाएगी और यह इन धरोहर-समृद्ध प्रणालियों की खोज के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगी। इसके अलावा सम्मेलन में मुख्य रूप से प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय समन्वयक जे. नंदकुमार, प्रज्ञा प्रवाह के अध्यक्ष प्रो. ब्रिज किशोर कु‍ठियाला, प्रोफेसर (डॉ.) केजी सुरेश आईजीआरएमएस के निदेशक डॉ. अमिताभ पांडे, एचके भारत की अध्यक्ष डॉ. सुनीता रेड्डी शामिल होंगी। सत्रों का संचालन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्वान अपने विचार व्यक्त करेंगे।

मुख्य विषयों में जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में हर्बल चिकित्सा, जैव विविधता संरक्षण, पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित स्वास्थ्य संचार, वाणिज्यीकरण का प्रभाव और जैव-उपद्रव का खतरा शामिल है। सम्मेलन हर्बल चिकित्सा से उपचार करने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों, सरकारी सहयोग की कमी और बौद्धिक संपदा अधिकारों पर भी चर्चा होगी। इस मौके पर हर्बल हीलर्स कार्यशाला विशेष आकर्षण होगा। इस दौरान पारंपरिक उपचार विधियों का उपयोग करके रोगियों का इलाज किया जायेगा। हर्बल दवाओं के बारे में ज्ञान साझा किया जायेगा। यह छात्रों, शोधकर्ताओं और आम जनता सहित प्रतिभागियों को पारंपरिक हर्बल चिकित्सा प्रणालियों का प्रत्यक्ष अनुभव कराएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

भाजपा नेता शाह की आज जम्मू-कश्मीर में पांच जगह जनसभा

Manju Thakur

भारतीय जनता पार्टी ने एक्स हैंडल पर केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह के आज के कार्यक्रम को साझा किया है।


नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता, स्टार प्रचारक, केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह आज जम्मू-कश्मीर के पांच विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करेंगे। सुबह साढ़े 10 बजे वह इसकी शुरुआत मेंढर विधानसभा क्षेत्र से करेंगे। सबसे आखिर में वह अखनूर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से रूबरू होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने एक्स हैंडल पर केंद्रीय गृह एवं सहकारितामंत्री अमित शाह के आज के कार्यक्रम को साझा किया है।

भाजपा के एक्स हैंडल पर उपलब्ध विवरण में बताया गया है कि शाह आज सुबह 10ः30 बजे मेंढर के आर्मी ग्राउंड में पार्टी की जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वो सुरनकोट विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए पहुंचेंगे। यहां वो दोपहर 12 बजे सुरनकोट स्टेडियम में जनता से रूबरू होंगे। शाह दोपहर सवा एक बजे थनामंडी विधानसभा क्षेत्र में होंगे। डिग्री कालेज थनामंडी में उनकी जनसभा होगी। स्टार प्रचारक शाह राजौरी विधानसभा क्षेत्र में सवा दो बजे मतदाताओं से विभाजनकारी ताकतों को चुनाव में हराने की अपील करेंगे। न्यू बस स्टैंड राजौरी में उनकी जनसभा होगी। केंद्रीय गृहमंत्री शाह सबसे आखिर में अपराह्न साढ़े तीन बजे अखनूर के बदरल ग्राउंड में भाजपा की जनसभा में केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों से अवगत कराएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना

Manju Thakur

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह फोटो विदेशमंत्री एस जयशंकर के एक्स हैंडल से लिया गया है।


नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज संयुक्त राज्य अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए। वो वहां क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित करेंगे। उनका प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत का कार्यक्रम भी तय है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी छठे क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और संयुक्त राष्ट्र 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' को संबोधित करने के लिए अमेरिका के लिए रवाना हो गए हैं। इससे कुछ समय पहले विदेशमंत्री जयशंकर ने एक्स हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका के कार्यक्रम की सूचना साझा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन, सामुदायिक कार्यक्रम, भविष्य के शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के साथ अन्य द्विपक्षीय बैठकों सहित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

अमेरिका से सूचना है कि इस समय न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड के नासाउ वेटरंस मेमोरियल कोलिजीयम में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम की तैयारियां चल रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय अमेरिका का यात्रा के दौरान 22 सितंबर को यहां प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे।

विलमिंगटन में हो रहा है क्वाड शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री मोदी विलमिंगटन (डेलावेयर) में छठे क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने गृहनगर में कर रहे हैं। भारत 2025 में क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करेगा। क्वाड में चार देश आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं।

क्वाड में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका

अमेरिका ने कहा कि वह क्वाड में भारत को अगुआ के रूप में देखता है और चार देशों के इस समूह में उसकी भूमिका के लिए आभार व्यक्त करता है। सम्मेलन में आस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में वरिष्ठ निदेशक मीरा रैप-हूपर ने ने कहा, ''जब भारत की अपेक्षित भूमिका की बात आती है तो हम क्वाड के भीतर उसे अगुआ के रूप में देखते हैं।''

अगले साल भारत करेगा मेजबानी

क्वाड देशों के नेता बांग्लादेश के घटनाक्रम पर भी चर्चा कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन क्वाड नेताओं से अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे। इस बार क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत को करनी थी। वाशिंगटन के आग्रह पर भारत अगले वर्ष सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

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