विज्ञान के प्रति जुनून जगाने साइंस कैंप में कौतुहल और विज्ञान को जोड़ते हुये प्रयोग कर रहे हैं बच्चे

Post by: Rohit Nage

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  • – क्रिटिकल थिंकिंग को बढ़ावा देने बच्चों ने किये 200 से अधिक प्रयोग
  • – वैज्ञानिक सोच द्वारा सत्य की कसौटी पर कसकर ही किसी बात को मानें : पाराशर

इटारसी। राजेश पाराशर द्वारा आयोजित सांई फार्च्यून साइंस कैंप के तीसरे दिन अंडरस्टैंडिंग और थिंकिंग को बताने देश के तीन बड़े रिसोर्स साइंटिस्ट ने बच्चों को रोचक प्रयोग करवाये। इस अवसर पर नागपुर के सुरेश अग्रवाल ने कहा कि एजुकेशन सिस्टम में थिंकिंग की जगह होना जरूरी है। केवल सिलेबस खत्म करना ही महत्वपूर्ण नहीं है। बच्चा अपने मन में उनको नहीं समझ लेगा तब तक स्कूली सिलेबस खत्म करने से उसे कोई फायदा नहीं होने वाला है।

कैंप के आयोजक राजेश पाराशर ने आज से ढाई हजार साल पहले बुद्ध के संदेश को दोहराते हुये कहा कि किसी बात को सिर्फ इसलिये मत मानो कि वह किसी ने लिखा है, या बताया है। भले ही वह आपका सीनियर क्यों न हो। किसी भी बात को मानने से पहले उसका सत्य की कसौटी पर परीक्षण करो। वैज्ञानिक रूप से सत्य सिद्ध होने पर ही उसे अपने जीवन में स्वीकार करो। वीबी रायगांवकर ने मनोरंजक खेलों के द्वारा विज्ञान के सिद्धांतों को बताया। डॉ ओपी गुप्ता ने अपने प्रयोगों को बताते हुये संदेश दिया कि वैज्ञानिक ढंग से सोचे एवं वैज्ञानिक ढंग से करें का सिद्धांत ही हमें सफलता की ओर ले जा सकता है।

संजय मनवारे ने एक कथा के माध्यम से विद्यार्थी जीवन में मौजमस्ती और अनुशासन मे एक समन्वय को रोचक तरीके से बताया। भारत में मधुमक्खी पालन की वैज्ञानिक जानकारी देते हुये बताया कि मधुमक्खियां केवल शहद ही के लिये महत्वपूर्ण नहीं हैं बल्कि वे फूलों में परागण करवाकर हमारे ईको सिस्टम को बचाये रखती हैं। एमएस नरवरिया ने बताया कि कैंप का समापन बुधवार 22 मई को होगा।

आज के कुछ प्रयोग

  • एक कागज के एक तरफ पिंजरा तथा दूसरी तरफ तोता के चित्र लगाकर जब कागज को तेजी से घुमाया तो तोता पिंजड़े के अंदर दिखा। इसके द्वारा नेत्र द्वारा मस्तिष्क को संदेश भेजकर समझने को बताया।
  • दांये एवं बांये मस्तिष्क के काम करने को बच्चों ने गुथे हुये हाथ की उंगली पकडऩे में भ्रम से समझाया।
  • मेले में मौत के कुये के वाहन चालक की स्थिरता को बच्चों ने कपड़े टांगने के हैगर पर सिक्का को रखकर तेज घुमाकर समझा।
  • आमतौर पर किसी बर्तन को कहा जाता है कि वह खाली है लेकिन उसमें भरी हवा को बोतल से फव्वारा बनाकर महसूस किया।
  • नदी उथली नजर आती है जो कि दुर्घटना का कारण बनती है जबकि उसकी गहराई अधिक होती है। इसे बच्चों ने एक पानी भरी कटोरी में सिक्के को देखकर समझा।

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