नगर पालिका परिषद, इटारसी में ज्यादातर मतदाता अपने वर्तमान जनप्रतिनिधियों के कार्यों से खुश नहीं हैं। जो खुश हैं, वे कहीं न कहीं उसी पार्टी के समर्थक हैं, जिनके नेता उस वार्ड से पार्षद हैं। खास बात यह है कि ज्यादातर मतदाता अपने वार्ड में नया चेहरा चाहते हैं। वार्डों में ऐसे नये चेहरों की डिमांड है, जो अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें।
चुनावी चौपाल लगाकर हमने आज पुरानी इटारसी के दो वार्ड के मतदाताओं का मन टटोलने का प्रयास किया तो यह बात निकलकर सामने आयी कि ज्यादातर मतदाता अब दावों और वादों से परे जमीनी हकीकत को सामने रखकर अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहता है और विकास कार्यों में अपना मत भी अपने भावी जनप्रतिनिधि के समक्ष रखकर उससे उस कार्य की गारंटी लेना चाहता है।
जब तक राजनैतिक दल अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा न कर दे, तस्वीर धुंधली ही रहेगी। लेकिन, जिन्हें टिकट मिलने का विश्वास है, वे वार्ड में जनता के बीच मतदाताओं को विकास का भरोसा दिलाने, जो पूर्व से पार्षद हैं, वे अपने काम गिनाने और नयी कार्ययोजना लेकर पहुंचने भी लगे हैं। जो पिछली परिषद में पार्षद थे, उनके कामों से उनके प्रतिद्वंद्वी भी खुश नहीं हैं, हालांकि वे खुश हो भी नहीं सकते, लेकिन जनता भी कोई खास संतुष्ट नहीं है।
बात करें, पुरानी इटारसी के वार्ड क्रमांक एक की, तो यहां से कांग्रेस के नरेश चौहान की पत्नी श्रीमती शशि चौहान जनप्रतिनिधि रही हैं। नरेश चौहान भी उनके पहले यहां से परिषद में पार्षद रहे हैं। उन्होंने वार्ड में सड़कें बनवायीं, नालियां बनवायीं, पेयजल का इंतजाम कराया, जैसे कई काम कराये हैं। इस बार वे लगातार वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हुए नये चेहरे को सेवा का अवसर देने की भावना से चुनाव मैदान में नहीं जा रहे हैं और अपनी ओर से दिलीप गोस्वामी का नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि यहां से नये चेहरों में यहां से भारतीय जनता पार्टी से सोहन चौहान, अनिल चौरे और बृजमोहन चौरे भी टिकट के दावेदार हैं तो पूर्व एल्डरमेन लखनपुरी गोस्वामी ने भी भाजपा से टिकट मांगते हुए नामांकन पत्र दाखिल किया है।
जनता के बीच रिपोर्ट कार्ड
पार्षद लाख दावा करे, वार्ड में असंतुष्टों की भी बड़ी संख्या होती है। जनता ने पांच वर्षीय रिपोर्ट में संकरी सड़कें, पेयजल के लिए बूंद-बूंद को तरसना, नालियों की कमी जैसी मूलभूत जरूरतों की कमी बतायी। संकरी रोड, तंग गलियों के कारण पानी के टेंकर भीतरी हिस्सों में नहीं पहुंच पाते हैं, जबकि हर गर्मी में शहर का सर्वाधिक पेयजल संकट वाला वार्ड बन जाता है जहां टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जाती है। इसी तरह से यदि यहां कभी अग्नि दुर्घटना हो जाए तो फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच सकती है। रोड के दोनों तरफ कच्ची और अत्यंत छोटी नालियां हैं, जिनका पानी सड़कों पर बहता है।
नया चेहरा चाहते हैं
इस वार्ड की साईं सेवा समिति चाहती है कि उनके बीच का व्यक्ति इस वार्ड में नुमाइंदगी करे। उन्होंने वार्ड से अनिल चौरे के लिए भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांगी है। यदि नहीं मिली तो अनिल चौरे को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। वार्ड की महिला मतदाता गीताबाई का कहना है कि हमारी सुनवाई नहीं होती, पेयजल के लिए गर्मियों में भटकना पड़ता है, कचरा वाहन कई-कई दिन नहीं आता। रजनी अग्रवाल हैं तो मोदी समर्थक, और चाहती हैं कि अनिल चौरे को टिकट मिले, नहीं मिली तो प्रत्याशी को निर्दलीय लड़ाने को तैयार हैं। उनका कहना है कि बदलाव जरूरी है और हम नया चेहरा चाहते हैं, जो हमारी परेशानियों को समझे और समस्या को सुलझाये। हरिबाई मालवीय और कमलेश मालवीय भी कहते हैं कि वर्षों से एक ही चेहरा देख रहे, अब नया और युवा चेहरा हमारा प्रतिनिधित्व करे, ऐसी हमारी मंशा है।
प्रतिद्वंद्वी ने माना सेवा करते हैं
निवृतमान पार्षद श्रीमती शशि चौहान और उनका परिवार काम बताने पर करते हैं, कोरोना काल में उन्होंने सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, अलबत्ता विकास कार्य में वे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। यह कहना है, श्रीमती शशि चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ीं श्रीमती भारतीय मालवीय का। वे कहती है कि वार्ड में जो मूलभूत जरूरतें हैं, उनका होना जरूरी है, इसलिए इतने वर्ष इनको देखा अब नया और युवा चेहरा सामने आना चाहिए।
हालात कमोवेश एक जैसे ही हैं
पुरानी इटारसी के ही वार्ड क्रमांक तीन में हमने मतदाताओं का मन टटोला तो कमोवेश हालात वार्ड एक से बहुत जुदा नहीं थे। यहां भी मतदाता पार्षद के काम के दावों से सहमत नहीं दिखते। निवृतमान पार्षद दुर्गा बाई चौहान के पति नारायण सिंह चौहान यहां से कांग्रेस से दावेदार हैं और टिकट मिलने के प्रति पूर्णत: आश्वस्त भी। उन्होंने बताया कि पिछले कार्यकाल में उनकी पत्नी ने वार्ड में करीब दो करोड़ के काम कराये हैं। अब उनका काम है, जो स्वीकृत काम होना रह गये हैं, उनको पूर्ण कराएंगे। वे याद दिलाते हैं कि ढाई करोड़ का सीवर लाइन का एस्टीमेट बनाकर दिया था, जिसे शासन की मंजूरी नहीं मिली है। अपने कार्यकाल में उसे मंजूर कराना, कुछ क्षेत्र में पेयजल नहीं पहुंचता है, वहां पहुंचाना, खाली मैदानों को गंदगी से बचाने के लिए उनको पार्क के रूप में विकसित कराना और सफाई व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाना और रोडों को चौड़ी कराके उनका सौंदर्यीकरण, संपूर्ण वार्ड में नालियों की व्यवस्था को बेहतर करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
वार्ड क्रमांक तीन में जो भी कार्य पार्षद ने गिनाये हैं, वे पूर्व में यहां से प्रतिनिधित्व करने वाले शिवकिशोर रावत के कार्यकाल में स्वीकृत हुए थे और इस कार्यकाल में उनको विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के सहयोग से पूर्ण कराया गया है। हम इस वार्ड के हाउसिंग बोर्ड कालोनी में विगत ढाई दशक से रह रहे हैं, कौन काम करा रहा है, जनता से आकर मिल रहा है, सबकुछ स्पष्ट दिखता है। यहां गर्मियों में पानी की किल्लत हो रही है, कोई निराकरण नहीं हुआ, यह काम भी पार्षद का ही है। यह कहना है वार्ड के किशन लाला यादव का। वे पार्षद के काम से संतुष्ट नहीं हैं। वे कहते हैं, पांच वर्ष में विकास के नाम पर पार्षद के खाते में कुछ नहीं है।
वार्ड से नया चेहरा
भारतीय जनता पार्टी से अतुल शुक्ला का नाम सामने आ रहा है। हाउसिंग बोर्ड कालोनी के ज्यादातर लोग चाहते हैं कि उनका प्रतिनिधित्व नया और युवा चेहरा करे। लेकिन, एक दूसरा नाम डॉ.पीएम पहारिया का भी तेजी से उभरकर सामने आया है, माना जा रहा है कि दोनों में से किसी एक को टिकट मिल सकती है।