सीएमओ ने दिया थाना प्रभारी को फर्जी विवाह प्रमाण पत्र मामले में एफआईआर के लिए पत्र

Post by: Rohit Nage

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इटारसी। मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती ऋतु मेहरा (Chief Municipality Officer Mrs. Ritu Mehra) ने फर्जी विवाह प्रमाण पत्र (Fake Marriage Certificate) मामले में संबंधित के विरुद्ध एफआईआर (FIR) दर्ज करने टीआई (TI) के नाम एक पत्र पुलिस (Police) को दिया है। बता दें कि आधार सेवा केन्द्र में हर दिन फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तो आ ही रहे थे, अब मुख्य नगर पालिका अधिकारी के सील और साइन से जारी फर्जी विवाह प्रमाण पत्र भी आ गया। आधार सेवा केन्द्र संचालक चेतन पटेल (Chetan Patel) ने इस संबंध में सीएमओ को पत्र दिया था, जिसके आधार पर सीएमओ ने पुलिस को पत्र देकर एफआईआर दर्ज करने निवेदन किया है।

गौरतलब है कि 9 जुलाई को आधार सेवा केन्द्र पर आवेदक कृष्णा बावरिया ( Krishna Bawariya) पुत्र राधेलाल बावरिया (Radhelal Bawariya), निवासी वार्ड नंबर 8 सुदामा नगर (Sudama Nagar) ने अपनी पत्नी रिया बावरिया के आधार कार्ड में पति का नाम दर्ज कराने विवाह प्रमाण पत्र आधार सेवा केन्द्र में प्रस्तुत किया था जो वैरीफाई करने पर फर्जी निकला। यह मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पद मुद्रा से जारी हुआ है। सीएमओ ने आवेदन में लिखा है कि उक्त विवाह प्रमाण पत्र की जांच करने एवं दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

समीम खान के नाम से है जारी

दरअसल, असल प्रमाण पत्र बुक नंबर 3332 पर समीम अहमद ( Sameem Ahmed) पुत्र बशीर अहमद खान (Bashir Ahmed Khan) के नाम से जारी हुआ है, न कि कृष्णा बावरिया पुत्र राधेलाल बावरिया के नाम से। साथ ही पंजीकरण क्रमांक आरएस/343/2307/449/2024 का जो क्रम है, वह भी सही नहीं है। आवेदक कृष्णा बावरिया पुत्र राधेलाल बावरिया निवासी वार्ड नंबर 8 सुदामा नगर के द्वारा प्रस्तुत विवाह प्रमाण पत्र गलत/शासकीय दस्तावेज से छेड़छाड़/कूटरचना कर निर्मित किया है। इस संबंध में संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर प्रकरण में नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

मामले में सीएमओ ऋतु मेहरा ने भी नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे किसी एजेंट के जरिए ऐसे आवश्यक दस्तावेज न बनवायें। लोक सेवा केन्द्र में इस तरह के प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा मौजूद है, अत: यह प्रमाण पत्र लोक सेवा केन्द्र से ही बनवाएं ताकि परेशान न होना पड़े। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पंकज चौरे ने कहा कि मामला गंभीर होने के कारण इसकी जांच के लिए पुलिस को सीएमओ ने पत्र भेजा है। हमारा मानना है कि इसमें जांच होनी चाहिए और जिन भी लोगों और गिरोह ने यह कार्य किया है, उन पर एफआईआर दर्ज हो, जिससे इस तरह का फर्जीवाड़ा करने से पहले लोग दस बार सोचें।

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