- बुधवार को पृथ्वी और सूरज की दूरी बदली नजदीकियों में
- सारिका ने बताया सूरज और पृथ्वी की बदलती दूरी का विज्ञान
इटारसी। आज बुधवार 3 जनवरी की सुबह जब कोहरे और ठिठुरन भरी थी, तब आप सोच रहे होंगे कि सूर्य (Sun) काश पास होता और कुछ गरमाहट देता, लेकिन वास्तविकता यह है कि सूर्य सचमुच में पृथ्वी के सबसे पास था। नेशनल अवार्ड (National Award) प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (Sarika Gharu) ने सूरज और पृथ्वी (Earth) की बदलती दूरी का विज्ञान बताते हुये जानकारी दी कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा अंडाकार पथ में करती है।
इस कारण यह साल में एक दिन सूर्य के सबसे पास आती है और एक दिन सबसे दूर। सारिका ने बताया कि बुधवार 3 जनवरी को सुबह 6 बजकर 8 मिनट पर पृथ्वी सूर्य के सबसे पास के बिंदु पर थी। यह दूरी घटकर 14 करोड़ 71 लाख 632 किमी रह गई थी। इसे पेरिहेलियन(Perihelion) बिंदु पर आना कहते हैं। पास आने पर भी उत्तरी गोलाद्र्ध के स्थानों पर सूर्य की तुलना में झुकाव होने के कारण सूर्य की किरणें इस समय तिरछी पड़ रही हैं इसलिये ठंडक का अहसास हो रहा है।
सूर्य 5 जुलाई को पृथ्वी से सबसे दूर के बिंदु पर होगा जिसे अपहेलियन बिंदु पर आना कहते हैं। उस समय सूर्य की दूरी 15 करोड़ 20 लाख किमी से भी अधिक हो जायेगी। सारिका ने बताया कि पेरिहेलियन कब होगा यह बदलता रहता है। हर 58 साल में इसमें एक दिन का अंतर आ जाता है। 6430 में यह 21 मार्च को सूरज के पास आया करेगी। तो पास आये सूरज की गर्मी पर विजय पाती शीतलता का उठाइये आनंद।