इटारसी। महीनों से पूर्व विधायक पंडित गिरिजाशंकर शर्मा (Former MLA Pandit Girijashankar Sharma) के भाजपा (BJP) छोड़कर कांग्रेस (Congress) में जाने के कयास लग रहे थे। आज मीडिया (Media) के समक्ष कई बातों का खुलासा स्वयं श्री शर्मा ने करते हुए भाजपा को अलवदा कह दिया। उन्होंने कांग्रेस में जाने के सवाल पर भी जवाब दिया कि यदि उनको लेकर कांग्रेस में कोई मतभेद होगा तो वे नहीं जाएंगे, इतनी जरूरत भी नहीं है। कांग्रेस को चेता भी दिया कि एकजुट होकर लड़ें, तभी भाजपा का सामना कर सकती है। यानी, यह भी माना कि नर्मदापुरम (Narmadapuram) में भाजपा कमजोर नहीं है। अपनी उपेक्षा के बाद पूर्व विधायक ने आज बाकायदा प्रेसवार्ता (press conference) में कई बातों का खुलासा कर दिया।
उन्होंने भाजपा पर सिद्धांतों से हटने, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, भाजपानीत सरकार पर भ्रष्टाचार, अफसरों के बेलगाम होने सहित कई आरोप तो लगाये, लेकिन अपने ही भाई वर्तमान विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा (MLA Dr. Sitasaran Sharma) का विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी होने पर विरोध नहीं करने की बात भी स्पष्ट तौर पर की। उनका कहना है कि राजनीति में अच्छे लोग कम ही हैं, फिर चाहे डॉ. शर्मा हों या भाजपा में ही कोई ओर, अच्छे उम्मीदवार हैं तो वे कतई विरोध नहीं करेंगे।
भाजपा सत्ता में न लौटे
पूर्व विधायक ने कहा कि चुनाव लडऩा ही उनका एकमात्र दृष्टिकोण नहीं है, भाजपा सत्ता में लौटकर न आये, वे यही चाहते हैं। कांंग्रेस में जाने के सवाल पर बोले, यदि उनको लेकर कांग्रेस में कोई मतभेद हो, तो वे नहीं जाएंगे। साथ ही कांग्रेस को ताकीद भी किया कि एकजुट होकर लड़े तभी भाजपा का सामना कर सकती है, कांग्रेस गलतफहमी में न रहे। नर्मदापुरम में भाजपा काफी मजबूत स्थिति में है।
कमलनाथ, दिग्विजय से मिले हैं
श्री शर्मा ने कहा कि वे साफ सुथरी राजनीति करते हैं, कुछ छिपाते नहीं हैं। वे एक बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) और एक बार दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) से भी मिल चुके हैं। लेकिन, न हमने और ना ही उन लोगों को बात को ज्यादा आगे बढ़ाया। वे लोग बहुत मैच्योर हैं। उन्होंने कहा कि हम तो अपनी लाइन बना चुके हैं कि भाजपा का साथ नहीं देना है, अभी एक डेढ़ माह का समय है, आगे जैसा होगा, अपने मिों से भी सलाह लेंगे, जैसा सबका मत होगा, वैसा करेंगे क्योंकि राजनीति साथियों के बिना नहीं होती है।
हमने पहली बार छोड़ी है पार्टी
श्री शर्मा ने कहा कि एक बार पार्टी ने हमें अवश्य चार साल के लिए बाहर कर दिया था, लेकिन हमने पहली बार पार्टी छोड़ी है। उन्होंने कहा कि 19 वर्ष से प्रदेश में भाजपा की सरकार चल रही है। विगत दस वर्ष में एक वर्ष कांग्रेस रही, 9 वर्ष तो भाजपा ही रही है। सरकार बिलकुल भी अच्छी नहीं चल रही है। महंगाई चरम पर है, सरकार ने कोई कदम नहीं उठाये, बेरोजगारी चरम पर है, भर्तियों में घोटाले हो रहे हैं, भ्रष्टाचार की बातें करके सोशल मीडिया पर 50 प्रतिशत तक की चर्चाएं हो रही हैं, पटवारी भर्ती, पोषणाहार घोटाला और उच्च स्तर के अधिकारी भी इसमें फंसे हैं, लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाये हैं, बल्कि वोट पाने की खातिर अनाप शनाप घोषणाएं हो रही हैं।
बेहिसाब घोषणाएं कर रहे हैं
पूर्व विधायक ने कहा कि सरकार का एक बजट होता है, कितना कहां खर्च करना है। योजनाओं पर कितना खर्च करना है। लेकिन, यहां तो भाजपा की हालत खराब होने पर वोट पाने की खातिर बेहिसाब खर्च किया जा रहा है। पूरा प्रशासनिक अमला हर रोज किसी ने किसी योजना के नाम पर होने वाले कार्यक्रमों में लगा दिया है, जनता के कोई काम ही नहीं हो रहे हैं। संगठन माह में 25 बैठकें करता है, कार्यकर्ताओं को उलझाकर रखते हैं, रात दिन संगठन की बातें की जाती हैं, जनता की बातें नहीं होती हैं। बारिश नहीं होने से धान की फसल खराब हो रही है, बिजली नहीं दी जा रही है, ऐसे में सरकार को किसानों का ध्यान करना चाहिए लेकिन किसी को जनता की फिक्र नहीं है।
संगठन अपरिवक्त हाथों में
श्री शर्मा ने संगठन की क्षमता पर भी सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि संगठन अपरिपक्व हाथों में है। नये लोग केवल कुर्सी पर बैठने में अपनी शान समझते हैं। अनुभवी लोगों की बातें नहीं सुनी जाती है, ऐसे में पार्टी मजबूत होने की जगह कमजोर होती जा रही है।