प्रसंगवश:पंकज पटेरिया: प्रदेश मे बढ़ते कोरोना केसेस फिर चिंता में डाल रहे है। स्वयं मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात कहते हुए आम जनता से चिंतित भाव से सचेत रहने की अपील करी है। अब ये सवाल उठना यकीनन लाजमी है, एक सुवे के मुखिया बहुत पहले से हमे आगाह कर रहे, फिर क्यों नही हमारी नींद टूट रही? यू यह भी विश्वास किया जाना चाहिए, कि पिछले तल्ख, दहशदजदा हालातो का सामना करते हुए इस तरह चाक चौबंद ठोस प्रबंध किए गए थे कि प्रदेश में कोरोना पूरी तरह कंट्रोल हुआ, ग्राफ जीरो पर पंहुचा।
इसे बेशक सरकार और जनता की जागरूकता को श्रेय जाता है। लोग खुद जगे सजग हुए दूसरों को आगाह किया। मास्क लगाए, सोशल डिस्टेंस रखा, ओर वेक्सिनेशन करवाया, अपनी और अपनो की जान की सलामती के जतन किए शासन की गाइड लाइन का पालन किया, लेकिन रोजी रोजगार और जनता की परेशानी को देखते सरकार ने तमाम हिदायते देते जरा सी छूट क्या दी, हम पिछले डरावने दर्द नाक अहसास भूल गए, और फिर लापरवाह होने लगे। विभिन्न माध्यम सरकारी गैर सरकारी चौबीस घंटे चिल्ला चिल्ला कर आगाह कर रहे। तीसरी लहर की शंका की खबरे मीडिया की सुर्खिया बन रही है। कोरोना बाज फिर फेला रहा है पंजे, तो यह सुलगता प्रश्न हमे ही कठघरे मे खड़ा करता है हम कितने है सावधान श्री मान? उत्तर नदारत रहते, ओर चेहरे अपराध बोध से लटक जाते। जब विशेषज्ञ आशंका जता रहे सितम्बर अक्टूबर मे तीसरी लहर इंट्री मार सकती है। लिहाजा यह बेहद जरूरी हो जाता है कि चौकस चोकन्न रहे, सरकार का साथ दे, सावधान रहें, इसी में सबकी सुरक्षा है। भलाई है। मास्क पहने, डिस्टेंस रखे सेनेट्राइजेशन करे, ओर अपनी अपनो की सलामती रखे। याद रखिए सावधानी में ही सुरक्षा है।
पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
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