---Advertisement---
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

भक्त का भगवान के प्रति समर्पण होना चाहिए : आचार्य नवलेश

By
On:
Follow Us

इटारसी। श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का आज विश्राम हो गया। भागवत कथा ज्ञान गंगा की अमृतमई धारा में अवगाहन कराते हुए श्री कामनाथ मतगजेंद्र महाराज की पावन नगरी चित्रकूट से पधारे हुए भागवत पीठ संस्थापक भागवत रत्न आचार्य नवलेश दीक्षित ने भक्तों को भागवत कथा रूपी अमृत का रसपान कराते हुए भगवान की सुंदर सुंदर दिव्य कथाओं का रसपान कराया।

आचार्य नवलेश ने कथा का शुभारंभ करते हुए भगवान द्वारकाधीश के विवाहों की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि विवाह भोग के लिए नहीं विवाह योग के लिए होता है। भटके हुए मन को एक खूंटे में बांध देना ही विवाह कहलाता है। भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी आदि अष्ट पटरानीको गीता जी के अनुसार अष्टधा प्रकति बताया एवं 16100 रानियों को वेदों के मंत्रों की संज्ञा देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि मानो प्रकृति एवं वेद ही भगवान की सेवा करने के लिए भगवान की पत्नियों के रूप में अवतरित हुई। महाभारत का प्रसंग भागवत के माध्यम से युधिष्ठिर के द्वारा राजसूय यज्ञ की पावन कथा का विस्तार करते हुए आचार्य श्री नवलेश जी ने बताया कि हमेशा छोटी से छोटी सेवा सबसे छोटा काम करके करना चाहिए। इसलिए भगवान सर्व समर्थ होते हुए भी द्वारिकाधीश ने महाराज युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में भगवान ने अतिथियों का पाद प्रक्षालन एवं संत महापुरुषों की जूठी पत्तल उठाने का कार्य किया।
श्री सुदामा चरित्र का विस्तार करते हुए आचार्य श्री दीक्षित जी ने भगवान द्वारकाधीश और सुदामा की कथा का बड़ा ही मार्मिक करुणामय प्रसंग सुनाते हुए मित्र का मित्र के प्रति कैसा व्यवहार होना चाहिए चौपाई का उदाहरण देते हुए कहा जे न मित्र दुख होहिं दुखारी। तिन्हहिं विलोकत पातक भारी।। का दृष्टांत सुनाया ।भक्त का भगवान के प्रति समर्पण होना चाहिए इसका जीवंत उदाहरण मित्र सुदामा से सीखना चाहिए। कथा के अंत में दत्तात्रेय के 24 गुरुओं की कथा सुनाते हुए कहा कि मानव जीवन में गुरु की अति आवश्यकता है। कथा क्रम में परीक्षित जी को श्री शुकदेव जी का अंतिम उपदेश देते हुए बताया कि आत्मा अजर अमर है अविनाशी है ।इसे ना शस्त्र काट सकता है न आग जला सकती है। शुकदेव जी की विदाई के साथ कथा के विश्राम में हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे के साथ पूरा पंडाल भक्ति में हो गया। कथा के यजमान राज मिश्र एवं श्रीमती पूजा मिश्रा आदि सभी भक्तजनों ने भगवान की सुंदर आरती उतारी और इसी के साथ ही कथा का विश्राम हुआ। मुख्य यजमान राज मिश्रा ने विश्राम दिवस पर संबोधित करते हुए उन सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जिन्होंने श्रीमद् भागवत कथा आयोजन में भरपूर सहयोग दिया उन्होंने मंदिर समिति सहित स्थानीय प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.